



घी और अश्वगंधा दोनों को सेहत के लिए चमत्कार से कम नहीं माना जाता है. घी को सुपरफूड कहा जाता है. वहीं अश्वगंधा आयुर्वेद में अमृत के समान माना जाता है. जब इन दोनों को एक साथ मिलाकर खाया जाता है, तो ये सेहत के लिए किसी अद्भुत औषधि से कम नहीं होता है. घी के फायदे अपने आप में कमाल हैं. वहीं अश्वगंधा के स्वास्थ्य लाभ किसी सी छुपे नहीं हैं. आजकल लोग हेल्दी रहने के लिए अलग-अलग ट्रेंड्स को फॉलो कर रहे हैं. अश्वगंधा और देसी घी दोनों ही आयुर्वेद में बेहद शक्तिशाली माने जाते हैं. लेकिन, जब इन दोनों को मिलाकर खाया जाए, तो इसका असर इतना कमाल का होता है कि आप सोच भी नहीं सकते. यह न सिर्फ शरीर को ताकत देता है, बल्कि मानसिक और प्रजनन स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है.



घी में अश्वगंधा को मिलाकर खाने के फायदे
1. शरीर को मिलती है जबरदस्त एनर्जी
अश्वगंधा को एनर्जी का स्रोत माना जाता है और घी शरीर को पोषण देने वाला हेल्दी फैट है. जब इन दोनों को मिलाकर खाया जाता है, तो शरीर की कमजोरी दूर होती है और थकान गायब हो जाती है. यह कॉम्बिनेशन शरीर को एक्टिव और मजबूत बनाता है.
2. मानसिक तनाव और चिंता से राहत
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव आम हो गया है. अश्वगंधा और घी का सेवन दिमाग को शांत करता है, चिंता और डिप्रेशन को कम करता है और स्लीप क्वालिटी को बेहतर बनाता है. यह नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करता है जिससे मन स्थिर और शांत रहता है.
3. हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती
इस मिश्रण में मौजूद पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और मांसपेशियों को पोषण देते हैं. यह खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो शारीरिक कमजोरी या जॉइंट पेन से परेशान हैं.
4. रिप्रोडक्टिव हेल्थ में सुधार
अश्वगंधा और घी का सेवन पुरुषों में स्पर्म काउंट और यौन इच्छा बढ़ाने में मदद करता है. यह इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने में भी सहायक है. महिलाओं के लिए भी यह हार्मोनल बैलेंस को सुधारने में मदद करता है.
5. वात दोष को बैलेंस करता है
आयुर्वेद के अनुसार, अश्वगंधा और घी का मिश्रण शरीर में वात दोष को संतुलित करता है. इससे कब्ज, जोड़ों का दर्द और अन्य वातजन्य रोगों से राहत मिलती है.
कैसे करें सेवन?
- 1–2 चम्मच देसी घी में 8–10 ग्राम अश्वगंधा पाउडर मिलाएं.
- इसे चबा-चबाकर खाएं और ऊपर से गुनगुना दूध पी लें.
- दिन में 1–2 बार सेवन करें, खासकर सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले.