



भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के पास होती है. यह एक ऐसी विशेष फोर्स है, जो न केवल प्रधानमंत्री, बल्कि उनके परिवार और पूर्व प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करती है. आपने अक्सर देखा होगा कि एसपीजी कमांडो जो काले सूट और काले चश्मे में नजर आते हैं अपने हाथों में एक काला सूटकेस लिए रहते हैं. यह सूटकेस हमेशा से ही लोगों के लिए कौतूहल का विषय रहा है. आखिर इस सूटकेस में क्या होता है? क्या इसमें हथियार होते हैं? चलिए जानते हैं.



कौन होते हैं एसपीजी कमांडो?
काले सूटकेस में क्या होता है?
पीएम की सुरक्षा में तैनात एसपीजी कमांडो एक ब्रीफकेस लिए होते हैं विशेष रूप से डिजाइन किया गया पोर्टेबल बुलेटप्रूफ शील्ड है, जिसे बलिस्टिक शील्ड भी कहा जाता है. यह शील्ड छोटे-कैलिबर हथियारों की गोलियों को रोकने में सक्षम है और आपातकालीन स्थिति में तुरंत खोलकर सुरक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इस शील्ड को नीचे की ओर झटका देकर आसानी से खोला जा सकता है, जिससे यह कुछ ही सेकंड में प्रधानमंत्री या अन्य वीआईपी को सुरक्षा प्रदान कर सकता है. इसके अलावा, इस सूटकेस में एक गुप्त पॉकेट होती है जिसमें एक विशेष पिस्टल रखी जाती है. यह पिस्टल आपात स्थिति में हमलावरों से मुकाबला करने के लिए होती है.
कैसी होती है एसपीजी की ट्रेनिंग?
एसपीजी कमांडो की ट्रेनिंग और उपकरण भी इस सूटकेस की तरह ही उन्नत होते हैं. ये कमांडो FNF-2000 असॉल्ट राइफल, ग्लॉक 17 और 19 पिस्टल और FN SCAR राइफल जैसे अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं. इसके अलावा, उनके पास बुलेटप्रूफ जैकेट, नॉन-स्लिप जूते और विशेष दस्ताने होते हैं. काले चश्मे पहनने का कारण भी सुरक्षा से जुड़ा है. ये चश्मे न केवल उनकी नजरों को छिपाते हैं, बल्कि किसी विस्फोट की चमकदार रोशनी से उनकी आंखों को भी बचाते हैं.
कब हुआ था एसपीजी का गठन?
एसपीजी का गठन 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य वीआईपी व्यक्तियों को हर तरह के खतरे से बचाना है. इस सूटकेस को ले जाने वाले कमांडो हमेशा प्रधानमंत्री के सबसे करीब रहते हैं, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि के दौरान तुरंत कार्रवाई की जा सके.
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