



अररिया: नेपाल की हसीन वादियां पर्यटकों को शुरू से लुभाती रही है। नेपाल की हसीन वादियां अर्थव्यवस्था की बहुत बड़ी श्रोत है। नेपाल की अर्थव्यवस्था का मुख्य जरिया पर्यटन ही है। नेपाल जाने वाले पर्यटकों में सबसे अधिक भारतीय पर्यटक होते हैं। दरअसल, नेपाल और भारत के बीच आने-जाने के लिए दोनों देशों के नागरिकों को पासपोर्ट या वीजा की आवश्यकता नहीं होती है। यही कारण है कि बड़ी संख्या भारतीय पर्यटक नेपाल घूमने के लिए जाते रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भारतीय पर्यटकों की संख्या में कमी हो गई।



अब नेपाल में सवा 4 लाख लेकर जाएं
भारतीयों के लिए महज 25 हजार रुपए की नगद राशि साथ ले जाने का प्रावधान नेपाल सरकार की ओर से किया गया था। 25 हजार से अधिक की राशि ले जाने के बाद नेपाल की सुरक्षा एजेंसी उन रकमों को जब्त कर लेती थी। इसका नतीजा ये रहा कि नेपाल में पर्यटन उद्योग ढलान पर जाने लगा। जिसको लेकर नेपाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया। अब नेपाल घूमने जाने वाले भारतीय पर्यटक अपने साथ 4 लाख 25 हजार भारतीय करेंसी तक ले जा सकते हैं।
नेपाल कैबिनेट में नया कानून मंजूर
शुक्रवार को नेपाल के केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उपप्रधानमंत्री-सह अर्थ मंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल ने ऐलान किया कि अब भारतीय पर्यटक अपने साथ 4.25 लाख रुपए नकद लेकर आ सकते हैं। हालांकि, नेपाल में 100 रुपए के ऊपर के नोटों का प्रचलन पर अब भी सरकार ने रोक लगा रखी है। मंत्री पौडेल ने बताया कि नेपाल में हवाई या स्थल मार्ग से आने वाले यात्रियों को अब 5 हजार अमेरिकी डॉलर तक की विदेशी मुद्रा या ट्रैवलर्स चेक लाने की छूट दी जाएगी। अगर, कोई यात्री इससे अधिक 6 लाख तक के रकम लाता है तो उसे प्रवेश भंसार बिंदु कार्यालय में लिखित जानकारी देना अनिवार्य होगा।
कारोबारियों को मिली बड़ी राहत
नेपाल सरकार के इस कदम से खासकर सीमावर्ती क्षेत्र के भारतीयों को काफी राहत मिलेगी। इन क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए नेपाल के अस्पतालों में जाते हैं। वहीं, व्यापारी वर्ग भी नियमित रूप से नेपाल में कारोबार के सिलसिले में यात्रा करते हैं। अब अधिक नकद साथ ले जाने की अनुमति से इलाज और व्यापार में जरूरतमंदों को सुविधा मिलेगी।
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