



भारतीय सेना में काम करने का जुनून हर भारतीय के अंदर होता है, हालांकि, देश की सेवा करना का मौका बहुत कम लोगों को मिलता है. सेना में अलग अलग रैंक की जिम्मेदारी
होती है. इन्हीं में से एक रैंक है ब्रिगेडियर.



ब्रिगेडियर भारतीय सेना में सीनियर कमीशन प्राप्त अधिकारी का पद है, जो कर्नल से ऊपर और मेजर जनरल के नीचे होता है. अगर सरल शब्दों में कहा जाए तो ब्रिगेडियर का पोस्ट पहला जनरल अधिकारी का पोस्ट होता है, जो नौसेना में कमोडोर और वायुसेना में एयर कमोडोर के रैंक के बराबर है. चलिए, आपको बताते हैं कि भारतीय सेना में कितने सैनिकों को एक ब्रिगेडियर लीड करते हैं और उनकी पावर कितनी होती है.
कितनी होती है एक ब्रिगेडियर की पावर
इंडियन आर्मी में ब्रिगेडियर एक वन स्टार रैंक का अधिकारी होता है. यह काफी रिस्पॉन्सिबिलिटी वाला पोस्ट होता है. सेना में ब्रिगेडियर बनने के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी सबसे पॉपुलर विकल्पों में से एक है. एनडीए क्लियर करने के बाद कैडेट को ट्रेनिंग के बाद लेफ्टिनेंट की पोस्ट मिलती है.
दूसरा सबसे ज्यादा लोकप्रिय विकल्प संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (CDS) का होता है. ग्रेजुएशन के बाद इसको पास करके इंडियन मिलिट्री एकेडमी , ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी जैसे संस्थानों में ऑफिसर ट्रेनिंग ली जा सकती है. इनके अलावा एक अन्य टेक्निकल एंट्री स्कीम का भी विकल्प मौजूद होता है. हालांकि, आपको लेफ्टिनेंट, कैप्टन, मेजर लेफ्टिनेंट कर्नल और कर्नल की पोस्ट पर सेवा देने के बाद आपको ब्रिगेडियर बनने का मौका मिलता है.
कितने सैनिकों को लीड करते हैं ब्रिगेडियर
20 से 22 साल की सेवा के बाद और बहुत सीमित और चयन आधारित प्रक्रिया के बाद अगर कोई ब्रिगेडियर बनता है तो उसके हाथ में काफी जिम्मेदारी सौंपी जाती है. इनके हाथ में 3000 से 5000 सैनिकों वाली यूनिट की कमान होती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिगेडियर राष्ट्रपति से कमीशन प्राप्त करते हैं, जिसके चलते उन्हें अपने अधीनस्थों पर व्यापक अधिकार मिलते हैं. अगर ब्रिगेडियर के ऊपर की रैंक देखें तो मेजर जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल और जनरल की पोस्ट इससे ऊपर की है.
ब्रिगेडियर को कितनी सैलरी मिलती है
ब्रिगेडियर की पे स्केल 13A है, जिसमें इनको बेसिक पे तौर पर 1,39,600 से 2,17,600 प्रतिमाह सैलरी मिलती है. इसके अलावा HRA, DA, किट अलाउंस, मिलिट्री सर्विस पे, अलाउंस, ट्रैवल अलाउंस आदि की सुविधा भी भारत सरकार की तरफ से सेना के ब्रिगेडियर को दी जाती है. कुल मिलाकर देखा जाए तो यह भारतीय सेना में काफी सम्मानजनक रैंक है, जिसमें 300 हजार से लेकर 5000 सैनिकों का नेतृत्व करने का मौका मिलता है.