



भारतीय सेना के वायु रक्षा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सैन्य क्षमताओं पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत के पास पाकिस्तान में अंदर घुसकर सटीकता से हमला करने की ताकत है, चाहे वो रावलपिंडी हो, खैबर पख्तूनख्वा हो या कोई और इलाका.



लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने कहा कि पूरा पाकिस्तान हमारी रेंज के भीतर है. अगर पाकिस्तानी सेना अपना मुख्यालय रावलपिंडी से केपीके भी शिफ्ट कर दे तो भी उन्हें छिपने के लिए एक गहरा गड्ढा खोजना होगा.
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने क्या किया?
पहलगाम आतंकी हमले के जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने 6-7 मई की आधी रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी एयरबेस और आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला किया. उस दौरान सेना ने लोइटरिंग म्यूनिशन, लॉन्ग-रेंज ड्रोन, और गाइडेड हथियारों का प्रभावी इस्तेमाल किया. लश्कर और जैश के मुख्यालय, घुसपैठ चौकियों, और कंट्रोल रूम को नष्ट किया. ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकियों को ढेर किया, जिनमें कुछ भारत में वांछित आतंकी भी शामिल थे.
भारतीय सेना की रणनीति
लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने बताया कि भारत की सैन्य सोच में बदलाव आया है. अब हम सिर्फ “सहन” नहीं करते, बल्कि सटीक समय पर सटीक जवाब देने की नीति अपनाई जा रही है, जिसे उन्होंने शिशुपाल सिद्धांत कहकर संबोधित किया. शिशुपाल सिद्धांत के तहत लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि जब तक सीमा पार नहीं होती, हम सहते हैं, लेकिन जैसे ही रेखा पार होती है, हम निर्णयात्मक कार्यवाही करते हैं. इस रणनीति से भारत ने दुनिया को यह संकेत दिया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रुख अपनाया गया है.
आत्मनिर्भर सैन्य तकनीक
ऑपरेशन सिंदूर में भारत की स्वदेशी तकनीक और सैन्य शाखाओं के बीच तालमेल देखने को मिला. भारतीय सेना ने ड्रोन डिटेक्शन और इंटरसेप्शन सिस्टम ने दुश्मन के UAVs को बेअसर किया. लॉन्ग-रेंज सटीक मिसाइलों ने आतंकी ठिकानों को बिना नागरिक क्षति के नष्ट किया यूनिफाइड कमान संरचना के तहत वायुसेना, थलसेना और खुफिया एजेंसियों ने समन्वित ढंग से काम किया. इस पर डी’कुन्हा ने कहा कि हमने केवल सीमाओं की रक्षा नहीं की, बल्कि छावनियों, नागरिक क्षेत्रों और अपने जवानों के परिवारों को भी सुरक्षित रखा. यही हमारी असली जीत है.