



22 अप्रैल, 2025 पहलगाम आतंकी हमले ने देश के दिमाग में आतंक की नई तस्वीर छाप दी है. निर्दोष और निहत्थे लोगों लोगों को निशाना बनाया गया. मामले को लेकर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि उनका उद्देश्य हजार जख्म लगाना है. वो भारत को अंदर से कमजोर करना चाहते हैं.



इंडिया टीवी के कार्यक्रम आप की अदालत में बात करते हुए राज्यपाल ने कहा, “पहलगाम में जो कुछ भी हुआ वो बेहद ही दर्दनाक है. मैं कुछ दिन पहले कानपुर में था और शुभम के घर गया था और उसकी शादी लगभग दो महीने पहले हुई थी. उसके घर वालों को देख खुद पर काबू करना मुश्किल हो जाता है.”
‘अगर वो हिंदू मुस्लिम न करते तो आश्चर्य होता’
उन्होंने कहा, “अगर वो कलमा पढ़ने के लिए या फिर हिंदू-मुस्लिम करने के लिए न बोलते तो मुझे अचंभा होता क्योंकि उन्हें ये गलतफहमी नहीं है कि वो लड़ाई में भारत से जीत सकते हैं, आतंकवाद तो उनकी राजनीति का हिस्सा है. इस्लाम के नाम पर भारत को कमजोर करने की कोशिश है. उन लोगों ने तो इस्लाम के नाम पर देश बनाया और वो कुछ साल भी इकट्ठा नहीं रह सका. अब ये पाकिस्तान के नजरिए की नाकामी थी. ये अपने आप में एक सवाल है.”
‘हिंदुस्तान को कमजोर करना है’
आरिफ मोहम्मद खान आगे कहते हैं, “पाकिस्तान में एक ऑफिशियल ट्रेनिंग सेंटर में जिया उल हक ने जनरलों के सामने एक भाषण दिया था 1988 में.. उसमें कहा कि अब तक हम परंपरागत लड़ाई में जो उद्देश्य हासिल करने की कोशिश करते रहे हैं वो नाकाम हो चुका है. अब रणनीत बदलनी होगी. अब लड़ाई नहीं करनी है, हमें हजार जगह से हिंदुस्तान को जख्मी करना है ताकि वो कमजोर होता चला जाए.”
उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, “मौलाना आजाद ने देश आजाद होने के समय एक बात कही थी कि तुम नफरत फैलाने के नाम पर पाकिस्तान मांग रहे हो. वो देश तब तक है, जब तक वहां नफरत है.”