



वाशिंगटन: 2016 की सर्दियों में अमेरिका ने रीयल एस्टेट कारोबारी को राष्ट्रपति बना दिया. डोनाल्ड ट्रंप की जीत से मोहम्मद यूनुस का शरीर ज्यादा ही ठंडा होने लगा था जो आज बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री हैं. उनका कहना था – ट्रंप की जीत से आज सुबह इतना बड़ा झटका लगा है कि मैं बोल नहीं पा रहा हूं. लेकिन डिप्रेशन में नहीं जाऊंगा. ये काले बादल फिर छटेंगे. उन्हें तब क्या पता कि वो काले बादल घुमर-घुमर कर फिर मंडराने आएंगे. यही बात वाइट हाउस में साबित हुई. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पुराने दोस्त और दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप से मिल रहे थे. जब पत्रकारों ने ट्रंप से बांग्लादेश पर पूछा तो उन्होंने मोदी की ओऱ इशारा किया और कहा कि – ये मोदी तय करेंगे.



मोदी पर ट्रंप का ट्रस्ट
ट्रंप का ये कहना भारत के साथ स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप की गहराई ही नहीं बल्कि मोदी पर ट्रंप के ट्रस्ट को दर्शाता है. इसका साफ मतलब है कि बांग्लादेश पर अमेरिकी कूटनीति भारत के हिसाब से आगे बढ़ेगी. तो आप समझ सकते हैं कि मोहम्मद यूनुस का गला आज यानी 14 फरवरी की सुबह कितना खराब होने वाला है. छात्र आंदोलन के नाम पर बांग्लादेश के वजूद और एक आजाद देश की प्रासंगिकता पर प्रश्नचिन्ह लगाने वालों के खिलाफ यूनुस एक शब्द नहीं बोल रहे. उलटे शेख हसीना से दुश्मनी का बदला भारत से लेने की हिमाकत पर तुले हैं. ये सब कट्टरपंथी जमातियों के दबाव में हो रहा है जिसके पाकिस्तान से तगड़े रिश्ते हैं. बांग्लादेश के अफसर रावलपिंडी के उस दफ्तर में जाकर बैठ गए जहां से बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी को कुचलने, बांग्लाभाषी मुसलमानों के जनसंहार की साजिश बनती थी.
डोनाल्ड ट्रंप ने ये बात तब कही जब यूनुस थोड़ी देर पहले एलन मस्क के साथ वीडियो कॉल पर थे. स्टारलिंक लाने की बात कर रहे थे. यूनुस को ट्रंप का वो पुराना रिएक्शन भी याद होगा जब पहली बार राष्ट्रपति बनने पर बांग्लादेशी डेलिगेशन वॉशिंगटन गया था. कहां है वो माइक्रो फाइनेंस वाला पुअर चैप जो मुझे हराना चाहता था, ट्रंप ने वहां मौजूद लोगों से पूछा था. दरअसल मोहम्म यूनुस ने ट्रंप के खिलाफ चुनाव लड़ रही हिलेरी क्लिंटन को ग्रामीण अमेरिका के फंड से दो लाख डॉलर का चंदा दिया था.