बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा कि हमने भारत सरकार को एक मौखिक नोट भेजा है, जिसमें कहा गया है कि बांग्लादेश न्यायिक प्रक्रिया के लिए उन्हें वापस चाहता है। इससे पहले सुबह, गृह सलाहकार जहांगीर आलम ने कहा कि उनके कार्यालय ने भारत से अपनी अपदस्थ प्रधानमंत्री के प्रत्यर्पण की सुविधा के लिए विदेश मंत्रालय को एक पत्र भेजा है। 

आलम ने आगे कहा कि बांग्लादेश और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि पहले से ही मौजूद है और इसके तहत हसीना को बांग्लादेश वापस लाया जा सकता है। पिछले महीने अंतरिम सरकार के 100 दिन पूरे होने पर राष्ट्र के नाम संबोधन में बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कहा था कि वह हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करेंगे। 

हर हत्या का हिसाब होगाः यूनुस

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार ने कहा कि हमें हर हत्या में न्याय सुनिश्चित करना है। हम भारत से शेख हसीना को वापस भेजने के लिए भी कहेंगे। 8 अगस्त को पदभार ग्रहण करने वाले यूनुस ने दावा किया कि हसीना सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों और श्रमिकों सहित लगभग 1500 लोग मारे गए थे जबकि 19,931 अन्य घायल हुए। 

वहीं, कानून सलाहकार आसिफ नजरूल ने कथित तौर पर कहा था कि अगर भारत संधि में किसी प्रावधान का हवाला देकर हसीना के प्रत्यर्पण से इनकार करने की कोशिश करता है तो बांग्लादेश इसका कड़ा विरोध करेगा। सितंबर में ढाका में पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में यूनुस ने कहा था कि हसीना पर भारत को कोई राजनीतिक टिप्पणी करने से बचना चाहिए।