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बारा क्षेत्र में बालू माफिया पर कार्रवाई से परहेज कर रहा खनन विभाग भाग1

शंकरगढ/बारा(प्रयागराज) यमुनापार के बारा तहसील क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे अवैध बालू खनन व बालू भंडारण का मामला सुर्खियों में है । जिसको रोकने में खनन विभाग के अधिकारियों के हाथ पांव फूल रहे हैं , जहां प्रशासन इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए कार्रवाई की बात कर रहा है । वहीं बारा लालापुर व शंकरगढ में बालू का व्यवसाय और तेजी के साथ बढ़ रहा है । हर माह करोड़ों रुपए की चोरी हो रही है , सवाल यह है कि बालू के कारोबार को विभाग क्यों नहीं रोक पा रहा है या रोकना ही नहीं चाहता । यह जांच का विषय है लेकिन इस अवैध कारोबार में खनन विभाग की मिलीभगत को नकारा नहीं जा सकता । लालापुर क्षेत्र के यमुना नदी में कुछ चिन्हित जगहों (नौढिया तरहार) में बालू निकाली जाती है । लेकिन इस समय सरहुली नाला के ऊपर , पडुआ में व शंकरगढ के शिवराजपुर , रानीगंज व कल्यानपुर , टंडनवन में सैकड़ो ट्रैक्टर ट्रॉलियां व सैकड़ो डम्फर के माध्यम से भंडारण की जा रही है । बालू व्यवसाय में उतरे कई नामी लोग बारा क्षेत्र के लालापुर व शंकरगढ के कई प्रमुख नामी गिरामी लोग बालू व्यवसाय में उतर चुके हैं । जो इस व्यवसाय को संचालित कर रहे हैं , सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई लोग सत्ताधारी पार्टी के प्रमुख ओहदे से संबंधित हैं , तो कुछ पुलिस विभाग के उच्च पदों पर हैं और उनके सगे संबंधित लगे हैं , तो कुछ यह जगह हमारे गांव से लगी है हम तो करेंगे ही जो सबके साथ कार्रवाई होगी वो हमको भी होगी और बेधड़क होकर लगे हैं । निर्धारित नही है रेट हालांकि बालू की कीमत निर्धारित नहीं है फिर भी पांच हजार से शुरू होकर दूरी का हवाला देकर आठ हजार रुपए तक वसूली होती है । जिसे जितना मन हुआ लिए लोगों से यह कहकर की बहुत रिक्स है आपको लेना है तो लीजिए नहीं हमारा दूसरा आर्डर है । सैकड़ो प्रधानमंत्री आवास बालू की वजह से आज भी अधूरे पड़े हैं , लोग हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं कि बालू खरीदने से उनका सारा बजट बिगड़ जाएगा । इस अवैध बालू के व्यवसाय का रेट निर्धारण होगा या इसी तरह लूट खसोट चलेगा ।

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