![](https://jagatbhumi.com/wp-content/uploads/2024/01/SANTOSH.jpeg)
![](https://jagatbhumi.com/wp-content/uploads/2024/01/WhatsApp-Image-2024-03-15-at-12.05.51-PM.jpeg)
उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के आगरा में स्वर्ण माफिया सोने के गहनों की शुद्धता में फर्जीवाड़ा कर ग्राहकों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। फर्जी हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (एचयूआईडी) से 16-18 कैरट के सोने को 22-24 कैरट का बताकर बिक्री कर रहे हैं। जरूरत पर लोग अपने गहने बेचने या गिरवी रखने गए तो मामले पकड़ में आए।
![](https://jagatbhumi.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2024-01-04-at-5.19.19-PM.jpeg)
![](https://jagatbhumi.com/wp-content/uploads/2024/04/WhatsApp-Image-2024-04-11-at-3.14.39-PM-1.jpeg)
![](https://jagatbhumi.com/wp-content/uploads/2024/02/WhatsApp-Image-2024-02-22-at-4.41.45-PM.jpeg)
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और वित्त मंत्रालय में इसकी शिकायत की गई है। आगरा सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष नितेश अग्रवाल ने बताया कि जिले में 4500 सराफा व्यापारी हैं, इसमें करीब 450 बड़े कारोबारी हैं। महीनेभर में 300 किलो से अधिक के सोने के गहनों की बिक्री होती है।
कई लोग जरूरत पर बाजार में गहने बेचने आए। इन पर बाकायदा हॉलमार्क भी लगा था। बीआईएस की वेबसाइट से इसकी जांच की तो ये फर्जी निकला। सोना खरीदते वक्त 22-24 कैरट बताकर पूरे दाम लिए गए थे। जांच में गहने 16-18 कैरट के निकले। शुरूआत में इक्का-दुक्का मामले आते थे। अब आए दिन पकड़ में आ रहे हैं। इसकी जांच कराने के लिए बीआईएस और वित्त मंत्रालय में शिकायत की है।
लेजर मशीन से लगा रहे हैं फर्जी हॉलमार्क
मार्किंग सेंटर संचालक विकास आनंद ने बताया कि आगरा में अभी 3 सेंटर हैं। एक व्यक्ति 6 अंगूठी गिरवी रखने आया तो दुकानदार ने बीआईएस की बेवसाइट पर एचयूआईडी नंबर डाला। इसे 24 कैरट की शुद्धता बताया, लेकिन ये नंबर गले के हार का था। अंगूठी पर लगा मिला। एसोसिएशन की पड़ताल में पाया कि कई दुकानदार लेजर मशीन से असली एचयूआईडी को अलग-अलग गहनों पर लगाकर ग्राहकों को बेच रहे हैं।
एचयूआईडी से फायदा
सोने की शुद्धता की पुष्टि के बाद एचयूआईडी की मुहर लगती है। इससे सोने की शुद्धता, आभूषण का प्रकार, विक्रेता का नाम समेत अन्य जानकारी दर्ज होती है। इससे ग्राहक विश्वस्त रहता है कि जितने तय कैरट के दाम देने पर ग्राहक को पूरी शुद्धता के गहने मिले हैं। गहनों को दोबारा बेचने-गिरवी रखने पर ग्राहक को तय कीमत भी मिल जाती है। ग्राहक सोना खरीदते वक्त बीआईएस केयर एप से एचयूआईडी की पुष्टि कर लें।
![](https://jagatbhumi.com/wp-content/uploads/2023/11/WhatsApp-Image-2024-03-18-at-1.37.36-PM.jpeg)