



रायपुर: प्रदेश के 3,200 करोड़ के शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की रिमांड बढ़ा दी गई है। शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई पेशी में अदालत ने उनकी रिमांड 15 सितंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया। संभावना है कि इसी दिन ईडी उनके खिलाफ चालान पेश कर सकती है।



गौरतलब है कि ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को गिरफ्तार किया था। तब से वे जेल में बंद हैं। ईडी का आरोप है कि शराब घोटाले की रकम से चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपये मिले। एजेंसी की जांच में सामने आया है कि शराब घोटाले से मिली ब्लैक मनी को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में लगाया गया। रकम को वाइट दिखाने के लिए फर्जी निवेश दर्शाया गया।
ईडी का दावा है कि सिंडिकेट के जरिए 1000 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की गई है। ईडी ने बताया कि चैतन्य बघेल की कंपनी विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट (बघेल डेवलपर्स) में भी घोटाले के पैसे का इस्तेमाल हुआ। इस प्रोजेक्ट के कंसल्टेंट राजेन्द्र जैन के मुताबिक प्रोजेक्ट पर असल खर्च 13 से 15 करोड़ था, लेकिन रिकॉर्ड में सिर्फ 7.14 करोड़ दर्शाए गए। इसके अलावा जब्त डिजिटल डिवाइस से राजफाश हुआ कि कंपनी ने एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ नकद पेमेंट किया, जो आधिकारिक रिकार्ड में दर्ज नहीं था।
रीएजेंट घोटाले में ईडी ने जब्त की मोक्षित कार्पोरेशन की लग्जरी कारें
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रीएजेंट प्रोक्योरमेंट घोटाले में शामिल मेसर्स मोक्षित कार्पोरेशन की दो लग्जरी कार (पोर्श केयेन कूप और मर्सिडीज-बेंज) जब्त की है। यह फर्म दुर्ग निवासी शशांक चोपड़ा और उनके पिता शांतिलाल चोपड़ा के नाम से पंजीकृत है। मिली जानकारी के अनुसार ईडी ने 28 अगस्त को दुर्ग में रीएजेंट प्रोक्योरमेंट घोटाले में तलाशी अभियान चलाया था।
मामला टेंडर प्रक्रियाओं में हेरफेर करने, मनगढ़ंत मांग करने और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन लिमिटेड को बढ़ी हुई कीमत पर मेडिकल उपकरण और रीएजेंट की आपूर्ति करने की आपराधिक साजिश से संबंधित है। तलाशी के दौरान पीएमएलए 2002 की धारा 17(1) के तहत शशांक चोपड़ा और उनके पिता शांतिलाल चोपड़ा के नाम पर पंजीकृत फर्म मेसर्स मोक्ष कार्पोरेशन की एक पोर्श केयेन कूप और एक मर्सिडीज-बेंज को जब्त किया गया।