



बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रायपुर से बिलासपुर तक की सड़कों की जर्जर हालत पर सख्त नाराजगी जताई है। कोर्ट ने सरकार से कहा कि सड़क की असली मरम्मत और पुनर्निर्माण कराएं, सिर्फ रंगाई-पुताई से जनता की परेशानी दूर नहीं होगी।



मुख्य न्यायाधीश रमेश सिंघ और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरू की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान सरकार से सवाल किया कि आखिर सड़क सुधारने में इतना समय क्यों लग रहा है। 15 किलोमीटर सड़क ठीक करने में कितना वक्त चाहिए। कोर्ट ने टिप्पणी की कि केवल अध्ययन करने से काम नहीं चलेगा, जल्द से जल्द वास्तविक मरम्मत का काम शुरू किया जाए।
सरकार का जवाब और कोर्ट की नाराजगी
सरकार की ओर से बताया गया कि सड़क मरम्मत के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और फिलहाल अध्ययन कार्य चल रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि सड़क पर दरारें और गड्ढों से लोग परेशान हैं, ऐसे में केवल रिपोर्ट बनाकर समय गंवाना उचित नहीं है।
दो सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का आदेश
कोर्ट ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी (NHAI) और PWD को निर्देश दिया कि दो हफ्ते में रायपुर से बिलासपुर हाईवे की वास्तविक स्थिति का सर्वे पूरा कर रिपोर्ट पेश करें। मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी
जजों ने कहा – ‘हमें सिर्फ सड़क की लाइटिंग और रंगाई की बातें नहीं चाहिए। जब तक सड़क की पूरी मरम्मत नहीं होगी, लोगों की समस्या खत्म नहीं होगी। सरकार को तुरंत ठोस कार्रवाई करनी होगी।’
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