



रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार की कैबिनेट में 14 मंत्रियों की संख्या पर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट बिलासपुर का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस ने कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर 14वां मंत्री की नियुक्ति को असंवैधानिक बताया है। याचिका में सामान्य प्रशासन विभाग, मुख्यमंत्री सहित सभी 14 मंत्रियों को पक्षकार बनाया गया है।



शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता कांग्रेस व सामाजिक कार्यकर्ता बसदेव चक्रवर्ती से शपथपत्र मांगा। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इस मामले को सुना और जनहित याचिका की गंभीरता परखने के लिए चक्रवर्ती से उनके सामाजिक कार्यों और पृष्ठभूमि का विवरण पेश करने को कहा है। साथ ही राज्य शासन को भी इस मामले में पक्ष रखने को कहा गया है। अब अगली सुनवाई मंगलवार दो सितंबर को होगी।
कांग्रेस का तर्क है कि विधानसभा में मंत्रिमंडल की संख्या कुल सीटों के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती। छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों के हिसाब से यह संख्या अधिकतम 13.50 यानी 13 मंत्री होनी चाहिए। लेकिन 20 अगस्त को साय सरकार में तीन नए मंत्री बनाए जाने के बाद कैबिनेट में अब 14 सदस्य हो गए हैं, जो इस सीमा से अधिक है।
कांग्रेस का कहना है कि यह संविधान के अनुच्छेद 164 (1 क) का उल्लंघन है। दूसरी ओर, भाजपा इसे लेकर हरियाणा में लागू फार्मूले का उदाहरण पेश कर रही है और कांग्रेस के आरोपों को निराधार बता रही है। फिलहाल, हाईकोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई में दोनों पक्षों का तर्क सुनेगा। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष डा.चरणदास महंत ने राज्यपाल रमेन डेका को पत्र लिखकर एक मंत्री हटाने की मांग की थी।
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