



रायपुर: प्रदेश में हुए 2,161 करोड़ रुपये शराब घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच लगातार नई परतें खोल रही है। स्पेशल कोर्ट में पेश किए गए पूरक चालान से राजफाश हुआ है कि पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अवैध शराब से मिली काली कमाई को अपने करीबियों, रिश्तेदारों और सहयोगियों पर खुलकर खर्च किया।



चालान में लखमा द्वारा महुआ खरीद, हवाई यात्रा, संपत्ति में निवेश और लाखों रुपये की नकदी लेनदेन की विस्तृत जानकारी सामने आई है। वहीं ईओडब्ल्यू ने शराब सिंडिकेट से जुड़े राज्य के 29 से अधिक आबकारी अधिकारियों को आरोपी बनाया है। इन पर पांच जुलाई को कोर्ट में पांचवीं चार्जशीट पेश की जाएगी।
लखमा ने महुआ में किया डेढ़ करोड़ का निवेश
चालान में बताया गया है कि लखमा ने वर्ष 2020 में महुआ की बढ़ती कीमतों को देखते हुए तोंगपाल निवासी अपने करीबी व्यापारी जयदीप भदौरिया को एक करोड़ रुपये दिए थे। बाद में उन्होंने खुद भी डेढ़ करोड़ रुपये महुआ संग्रहण में निवेश किए। इस राशि के लिए पर्ची लखमा के नाम से जारी की गई थी।
हवाई यात्रा पर खर्च किए 42 लाख
2023 के विधानसभा चुनावी वर्ष में कवासी लखमा ने अपने रिश्तेदारों और करीबियों के लिए ट्रैवल एजेंट्स के माध्यम से करीब 42 लाख रुपये की हवाई यात्रा कराई। इनमें से अधिकतर भुगतान नकद में किया गया। ईओडब्ल्यू को टिकट बुकिंग के दस्तावेज ट्रैवल एजेंट्स से प्राप्त हुए हैं।
एनएसयूआइ नेता को दिए चार करोड़
दंतेवाड़ा एनएसयूआइ के पूर्व अध्यक्ष हलीम खान को लखमा ने चार करोड़ रुपये नकद दिए थे। चालान में बताया गया है कि इनमें से 1.5 करोड़ हैदराबाद के ‘रेड्डी’ को दिलवाया गया, 73 लाख में रायपुर की सेल टैक्स कालोनी में मकान खरीदा गया और 80 लाख रुपये के गहने लिए गए। हलीम ने 12 लाख अपनी महिला मित्र को और 76 लाख अनिल मिश्रा के पास सुरक्षित रखवाए। साथ ही पौने तीन लाख का आइफोन भी खरीदा।
छह करीबियों से बरामद हुईं 44 संपत्तियां
लखमा के छह करीबी सहयोगियों के यहां से ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने छापेमारी कर 44 संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए। इनमें सर्वाधिक दस्तावेज अंबिकापुर के कारोबारी अशोक अग्रवाल के पास से मिले।
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