



सारंगढ़-बिलाईगढ़: जिले में महिला आयोग की पहली सुनवाई में एक रोचक प्रकरण सामने आया। एक महिला ने अपने सास-ससुर के विरुद्ध आवेदन देकर कहा कि वे उसे दहेज के लिए परेशान करते हैं। महिला आयोग की सुनवाई में शिकायत झूठी पाई गई। जिसके बाद महिला को फटकार लगाया गया।



ससुराल पक्ष ने बताया कि उसके तीन बेटे हैं। उसने सभी को अपनी दो-दो एकड़ भूमि बंटवारे में दे दी है। शिकायतकर्ता महिला ने उसके संयुक्त परिवार का मेडिकल स्टोर भी अपने पास रख लिया है। शिकायतकर्ता महिला ने अपने जेठ के विरुद्ध एफआइआर तक कराया था, जिसको लेकर दोनों पक्षों के बीच समझौता हो चुका है। महिला के स्वभाव के कारण घर में आए दिन झगड़े होते हैं।
सुनवाई में आयोग ने पाया कि शिकायतकर्ता महिला के पास निजी नौकरी, मेडिकल दुकान, बंटवारे की भूमि सब थी, लेकिन कानून का भय दिखाकर बूढ़े सास-ससुर सहित देवरानी आदि को परेशान कर रही थी। महिला ने अपने सास-ससूर के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस भी दर्ज करवा दिया था। आयोग ने फटकार लगाते हुए दोनों पक्षों को अपने-अपने हिस्से में रहने को कहा। इसी के साथ प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
पति पत्नी को तलाक के लिए किया तैयार
एक अन्य प्रकरण सनुवाई में महिला आयोग ने पति-पत्नी को तलाक के लिए तैयार किया। महिला और पुरुष ने आपस में आर्य समाज से विवाह किया था। जिसके बाद बिना तलाक लिये अनावेदक ने दूसरा विवाह कर लिया है। आयोग द्वारा समझाइश दिए जाने पर दोनों पक्ष आपसी राजीनामा से तलाक के लिए तैयार हो गया है। पुरुष महिला को एक लाख रुपये देगा और सुलहनामा पर आपसी राजीनामा से तलाक का आवेदन रायपुर न्यायालय में प्रस्तुत होगा।
पति नहीं देता है भरण-पोषण, FIR दर्ज करने के निर्देश
महिला आयोग ने एक और मामले की सुनवाई की। जिसमें दंपती की एक 7 साल की बेटी है। पति ने महिला को छोड़ दिया है। महिला पिछले 2 साल से मायके में रह रही है। उसका पति महिला और बच्ची का पालन-पोषण करने के लिए तैयार नहीं है। पति का कहना है कि उसकी नौकरी छूट गई है जबकि वह जिंदल कंपनी में काम करता था। उसका वेतन 62 हजार रुपये प्रतिमाह था।
पति ने पिछले दो साल से अब तक कोई भरण पोषण नहीं दिया है और न ही देने की मंशा रखता है। ऐसी स्थिति में महिला की गई शिकायत सही पायी गई है। आरोपी पति उसे लगातार प्रताड़ित कर रहा है। महिला आयोग ने सुनवाई करते हुए पुलिस को निर्देश दिए गए कि महिला की शिकायत पर एफआइआर करें।
Jagatbhumi Just another WordPress site
				
		