



बीजापुर। छत्तीसगढ-तेलंगाना सीमा पर बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर माओवादियों के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई में अब तक 31 माओवादियों को मार गिराया गया है। मारे गए सभी माओवादी हिड़मा की बटालियन के सदस्य थे। इनमें से 20 माओवादियों की पहचान पूरी कर ली गई है, इनमें से 11 के शव स्वजन को सौंप दिया गया है। अन्य 11 माओवादियों की पहचान की जा रही है।



माओवाद के खात्मे के लिए जारी इस निर्णायक लड़ाई में 24 अप्रैल व पांच मई को हुए मुठभेड़ में चार माओवादी मारे गए थे। इसके बाद सात मई को 27 माओवादियों को सुरक्षा बल ने एक बड़े अभियान में ढेर कर दिया था। मुठभेड़ स्थल से भारी संख्या में हथियार व विस्फोटक भी जवानों ने बरामद किए हैं।
पिछले 15 माह में 42 से अधिक शिविर खोले गए
- सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बस्तर में पिछले 15 माह में माओवादियों के प्रभाव क्षेत्र में खोले गए 42 से अधिक अग्रिम सुरक्षा शिविर (एफओबी) और वहां से नियद नेल्ला नार (आपका अच्छा गांव) योजना के तहत विकास कार्य से माओवादियों का आधार क्षेत्र सिमटता जा रहा था, जिसके बाद माओवादियों ने कर्रेगुट्टा की पहाड़ी को नया ठिकाना बनाया हुआ था और वहीं से माओवादी गतिविधियों को जारी रखे हुए थे।
- कर्रेगुट्टा में शीर्ष माओवादी बसव राजू, दामोदर, हिड़मा, चंद्रन्ना समेत बटालियन नंबर-एक के 350 माआेवादियों की उपस्थिति की पक्की सूचना के बाद बीते 21 अप्रैल को दस हजार से अधिक जवानों को एक निर्णायक अभियान पर भेजा गया था।
- पिछले 17 दिन से 40 से 45 डिसे तापमान के बावजूद कर्रेगुट्टा पहाड़ी को छावनी बनाकर जवान वहां सर्चिंग अभियान चला रहे थे। अब तक वहां से 200 से अधिक इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइईडी), हथियार बनाने की फैक्ट्रियां, माओवादियों के रसद व अन्य सामान जब्त किए गए हैं।
तीन जवान बलिदान, आधा दर्जन घायल
- इस अभियान के दौरान माओवादियों के लगाए हुए आइईडी की चपेट में आने से तेलंगाना ग्रेहाउंड्स बल के तीन जवान बलिदान हो गए थे।
- वहीं छत्तीसगढ़ में पदस्थ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कोबरा, छत्तीसगढ़ पुलिस की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) जैसी इकाइयों के आधा दर्जन से अधिक जवान घायल हो चुके हैं।
- इसमें कोबरा अधिकारी सहायक कमांडेंट सागर बोराडे भी शामिल हैं, जिन्होंने एक आइईडी विस्फोट में अपना एक पैर खो दिया था।
माओवादियों का गढ़ पर कब्जा, सील किया कारीडोर
- तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर कर्रेगुट्टा पर्वत श्रृंखला में इससे पहले कभी भी फोर्स नहीं पहुंची थी। माओवादी इस क्षेत्र को कारिडोर की तरह इस्तेमाल करते थे।
- यह कारीडोर उनके लिए छत्तीसगढ़ में वारदातों को अंजाम देने और फिर तेलंगाना में शरण लेने का सुरक्षित मार्ग था। फोर्स ने अब इस कारीडोर पर कब्जा कर इसे बंद कर दिया है।
- इस पूरे अभियान में एनटीआरओ (राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन) के उपग्रहों से लाइव नजर रखने के साथ ही वायुसेना के हेलीकाप्टर, 20 बड़े और छोटे मानव रहित ड्रोन का उपयोग किया गया।
दंतेवाड़ा में एक इनामी समेत छह माओवादियों का आत्मसमर्पण
- दंतेवाड़ा में सोमवार को एक इनामी महिला समेत छह माओवादियों ने समर्पण किया। इनमें एक लाख की इनामी मोताय पदाम भी शामिल है।
- पुलिस अधिकारियों ने उन्हें प्रारंभिक प्रोत्साहन राशि प्रदान की। ‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत अब तक 973 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।