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छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों का बड़ा अभियान, बीजापुर में मारे गए 42 माओवादी

जगदलपुर(Anti Maoist Operation)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षा बल को माओवादियों के विरुद्ध अभियान में बड़ी सफलता मिली है। कर्रेगुट्टा मुठभेड़ में 42 माओवादियों को मार गिराया है, जिसमें 35 माओवादियों के शव बरामद कर लिए गए हैं, पर इस बात की अब तक किसी ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक अधिकारी ने बताया कि माओवादियों के विरुद्ध जारी बड़े अभियान में 40 से अधिक माओवादी मारे गए हैं, जबकि इस क्षेत्र के ग्रामीणों के अनुसार 45 से अधिक माओवादियों को सुरक्षा बल ने ढेर कर दिया है।

टेस्ट मैच का अंत सुखद होगा

यद्यपि बस्तर आईजी पी. सुंदरराज पी. ने कहा है कि माओवादियों के विरुद्ध यह संकल्प अभियान एक टेस्ट मैच की तरह है, जिसमें प्रत्येक दिन रोमांचक नहीं हो सकता, परंतु इस टेस्ट मैच का अंत सुखद होगा और बड़ी सफलता मिलेगी।

बीजापुर जिले में छत्तीसगढ़ व तेलंगाना की सीमा पर कर्रेगुट्टा (काली पहाड़़ी) पर छिपे शीर्ष माओवादियों के ठिकाने को दस हजार से अधिक सुरक्षा बल के जवान पिछले चार दिन से घेरे बैठे हैं। इस पहाड़ी पर 350 से अधिक हार्डकोर माओवादियों के छिपे होने की बात कही जा रही है।

सरेंडर ही एकमात्र रास्ता बचा

इधर चारों ओर से घिर चुके माओवादियों ने शुक्रवार को एक पत्र जारी कर इस अभियान को रोकने और शांति वार्ता की गुहार लगाई है। माआवोदियों के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक बार फिर से स्पष्ट कर दिया है कि माओवादियों के सामने अब आत्मसमर्पण ही एकमात्र रास्ता बच गया है।

साय ने कहा कि जब से सरकार में आए हैं, तभी से माओवादियों के लिए लिए दरवाजे खुले रखे हुए हैं। हिंसा की भाषा छोड़कर विकास से जुड़ने बार-बार कहा गया है। मुख्यधारा में लौट चुके लोगों के साथ सरकार न्याय करेगी। जिन्हें केवल हिंसा की ही भाषा समझ आएगी, सरकार उनसे भी निपटने को तैयार है।

इन माओवादियों की बताई जा रही उपस्थिति

सेंट्रल कमेटी सदस्य: बटालियन प्रभारी माड़वी हिड़मा, तेलंगाना स्टेट कमेटी सदस्य दामोदर, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सचिव बसव राजू, बंडी प्रकाश, बटालियन कमांडर बारसे देवा व केसा की उपस्थिति बताई जा रही है।

  • 100 घंटे का समय पूरा हो चुका है अब तक माओवादियो के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान को
  • 350 से अधिक हार्डकोर माओवादियों के पहाड़ी पर छिपे होने की बात कही जा रही है
  • 250 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है यह पहाड़
  • 50 किलोमीटर पहाड़ का क्षेत्र छत्तीसगढ़ में आता है और बाकी तेलंगाना में

अभियान के 100 घंटे, अब तक तीन ही शव मिले

माओवादियो के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान को अब तक 100 घंटे का समय पूरा हो चुका है। इसमें अब तक हिड़मा की बटालियन के तीन माओवादियों को मार गिराने की सफलता मिल पाई है। इस बीच 42 डिग्री तापमान और कर्रेगुट्टा पहाड़ी की खड़ी चढ़ाई चढ़ते हुए सुरक्षा बल के 40 से अधिक जवान लू लगने से बीमार पड़ गए हैं। बीमार पड़े जवानों को हेलीकॉप्टर से निकालकर भद्राचलम, वेंकटापुरम के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

चार महीने का राशन लेकर छिपे हैं तेलंगाना स्टेट कमेटी के शीर्ष माओवादी

‘कर्रेगुट्टा’ तेलगू शब्द है, जिसका अर्थ ‘काली पहाड़ी’ है। यह पहाड़ लगभग 250 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत है। इसमें करीब 50 किलोमीटर का क्षेत्र छत्तीसगढ़ में आता है और शेष तेलंगाना में। घने पेड़ों और खड़ी चढ़ाई वाली इस पहाड़ी को वर्ष 2018 से माओवादियों ने अपना सुरक्षित ठिकाना बना रखा था।

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