सुरंग का काम पूरा,रायपुर से विशाखापट्टनम पहुंचने में लगेंगे सात घंटे।

छत्तीसगढ़ ने अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने राज्य की पहली राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) पर स्थित सुरंग (tunnel) का काम सफलता पूवर्क पूरा करने की घोषणा कर दी है। अब रायपुर से विशाखापत्तनम पहुंचने में सात से आठ घंटे लगेंगे।

छत्तीसगढ़ ने बुधवार को अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने राज्य की पहली राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) पर स्थित सुरंग (tunnel) का काम सफलता पूवर्क पूरा करने की घोषणा कर दी है।

तीन राज्यों के बीच इंटर-स्टेट कनेक्टिविटी को मिलेगी मजबूती

2.79 किलोमीटर लंबी यह सुरंग रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे (एनएच-130 सीडी Economic corridors) का अहम हिस्सा है। इसका निर्माण तेज गति से किया जा रहा है,जो छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच इंटर-स्टेट कनेक्टिविटी को नई मजबूती देगा। इससे क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलेगी और यातायात व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी।

सीधे विशाखापट्टनम बंदरगाह तक पहुंचेगा

एनएचआइ के अधिकारियों के अनुसार 464 किमी लंबे 6 लेन एक्सप्रेस-वे का अधिकांश कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यह एक्सप्रेस-वे रायपुर,धमतरी, कांकेर,कोंडागांव, कोरापुट और सब्बावरम को जोड़ते हुए सीधे विशाखापट्टनम बंदरगाह तक पहुंचेगा।

 

भारतमाला परियोजना के तहत बन रहा

भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) के अंतर्गत बन रहे इस मार्ग के तैयार होने के बाद रायपुर-विशाखापट्टनम यात्रा का समय 12-14 घंटे से घटकर मात्र सात से आठ घंटे रह जाएगा। इससे व्यापार, उद्योग, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

 

टनल निर्माण निर्णायक चरण में

कांकेर जिले के बासनवाही में बन रही इस सुरंग के लेफ्ट-हैंड साइड का कार्य 30 सितंबर 2025 को पूरा किया जा चुका था। बुधवार को हुए सफल कार्य के साथ टनल के दोनों हिस्सों को जोड़ने का कार्य निर्णायक चरण में पहुंच गया है। यह सुरंग ट्विन ट्यूब टनल के रूप में विकसित की जा रही है, जो उच्च सुरक्षा मानकों, आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों और अत्याधुनिक यातायात सुविधाओं से लैस होगी।

क्षेत्रीय विकास को मिलेगी नई गति

एनएचआइ के अधिकारियों का कहना है कि इस सुरंग के पूरा होने से न केवल परिवहन व्यवस्था सुचारू होगी, बल्कि तीनों राज्यों के बीच आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। विशाखापट्टनम बंदरगाह तक बेहतर पहुंच से निर्यात-आयात की लागत घटेगी और औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के अधोसंरचना विकास में मील का पत्थर साबित होगी और राज्य को देश के महत्वपूर्ण व्यापारिक गलियारों में मजबूत पहचान दिलाएगी।

 

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