



मथुरा: प्रेमानंद जी महाराज को आज कौन नहीं जानता। वृंदावन के विख्यात संत और प्रवचनकर्ता सोशल मीडिया के दौर में घर-घर तक पहुंच गए हैं। संतत्व के भाव से बातों की व्याख्या करने वाले प्रेमानंद लाइमलाइट से दूर रहते हैं लेकिन वीडियो के जरिए उनकी बातें जन-जन तक पहुंच गई हैं। कभी वो विवादों के घेरे में भी आ जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा भी समय था जब उनके ऊपर जान का संकट आ गया था। एक दुर्दांत गुंडे ने उन्हें अकेले में खोजकर पिस्टल और चाकू तक निकाल लिया था।



प्रेमानंद महाराज ने कुछ समय पहले खुद से मिलने आए एक श्रद्धालु से बात करते समय कई साल पहले का एक वाक्या बताया। बात तब कि है कि प्रेमानंद जी महाराज फतेहपुर के सेनपुर आश्रम में रहा करते थे। यह गंगा नदी से सटे हुए स्वामी मगदानंद की तपोस्थली है। उन्होंने एक गुंडे का किस्सा सुनाया जो उन्हें मारने के मकसद से आया था।
एक बार हम कुछ संत लोग आश्रम के गेट के पास बैठे हुए थे। बाइक से एक शख्स जूता पहनकर आया और गाड़ी खड़ी करने लगा। जब हमने उसे रोका तो वह घूरने लगा जैसे कोई शेर अपने शिकार की तरफ देखता है। फिर वह लौट कर आया और बाइक स्टार्ट करने लगा तो मैंने टोका कि यहां नहीं बाहर जाकर स्टार्ट करो।
वह तो चला गया लेकिन साथ बैठे अन्य लोगों ने समझाया कि आपको उस आदमी को टोकना नहीं चाहिए था। महाराज ने पूछा- ऐसा क्यों? तो बताया गया कि वह खूंखार अपराधी है। पचासों लोगों को मारकर गंगा नदी में फेंक चुका है। उसकी इस इलाके में चलती है। इस पर महाराज ने कहा कि चलो कोई बात नहीं।
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि घटना के अगले दिन जब पेड़ के नीचे सोए हुए थे। तो पत्तों में आवाज आई। उठने पर देखा कि वही गुंडा सामने खड़ा है। उसने पिस्तौल और चाकू निकालकर कहा- जानते हो यह क्या है? इस पर महाराज ने कमंडल में से गंगाजल निकालकर कहा- बाबा को तुमने खिलवाड़ समझ लिया है क्या? अगर अभी संकल्प कर लिया तो तू यहीं नष्ट हो जाएगा। इसके बाद वह चला गया।
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