






हालांकि, घटनास्थल के कुछ दूर ही नदी में मछली मार रहे चार युवक सहित कुछ अन्य नाविकों ने देवदूत बनकर लोगों को बचा लिया।
30 क्विंटल परवल नाव पर था लोड
वहीं, करीब 30 क्विंटल परवल नाव पर लोड था। मनिहारी जाने के क्रम में सुबह करीब दस बजे गंगा नदी में तेज हवा के कारण नाव पलट गई। नाव सवार सभी लोग गंगा नदी में बहने लगे।
मछुआरों ने बचाई जान
लोगों को बचाने में शामिल गोलाघाट के मछुआरे कुंदन कुमार, लालू कुमार, दशरथ कुमार, गोविंद कुमार ने बताया कि वे लोग गदाई दियारा के सामने गंगा नदी में नाव पर से मछली पकड़ने हेतु जाल डाल रहे थे।
इसी दौरान कुछ दूरी पर देखा कि लोगों से भरी एक नाव पलट गई है। उन्होंने अपना जाल छोड़कर तेजी से नाव लेकर घटना स्थल पर पहुंच डूबते हुए करीब पंद्रह लोगों को अपने नाव पर चढ़ा लिया, तब तक कुछ और नाविक भी नाव लेकर पहुंच गए एवं शेष लोगों को भी बचा लिया गया।
19 जनवरी को हुई थी नाव दुर्घटना
बताते चलें कि इससे पूर्व भी 19 जनवरी को अमदाबाद के मेघु टोला गंगा नदी में सकरी जाने के क्रम में भीषण नाव दुर्घटना हो गई थी। जिसमें एक ही नाव पर 18 लोग सवार थे।
जिसमें से आठ लोग किसी तरह स्थानीय लोगों की मदद से बचा लिए गए था, जबकि नौ लोगों की डूब कर मौत हो गई थी।
वहीं, 11 वर्षीय स्वीटी कुमारी का कोई पता नहीं चल सका था। यदि आज भी समय से स्थानीय मछुआरे डूब रहे लोगों को बचाने नहीं पहुंचते तो 19 जनवरी की तरह ही इस बार भी बड़ी नौका दुर्घटना घटित हो जाती।
क्या कहती हैं सीओ
अंचलाधिकारी स्नेहा कुमारी ने बताया कि लगातार अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाता है। उन्होंने कहा कि नाव परिचालन के समय लाइव जैकेट सहित अन्य मानको को पूरा करने के लिये जागरूक किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार का कोई दुर्घटना होने कि स्थिति में अधिक क्षति न हाे।
उन्होंने कहा कि जल्द ही ओवरलोडिंग सहित अन्य मामलों कि खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
Jagatbhumi Just another WordPress site
