



मथुरा: आजकल राधा कृष्ण की नगरी बरसाना में एक नया विवाद छिड़ा हुआ है. यहां ब्रज की होली में मुस्लिमों की एंट्री को लेकर हंगामा मच गया है. महाकुंभ के बाद अब मथुरा वृंदावन में होली के त्योहार पर मुस्लिमों के दुकान लगाने को लेकर बहस छिड़ गई. कई हिंदू साधू-संत समेत लोग मुस्लिमों की दुकानें नहीं लगने की मांग कर रहे हैं. इस बीच, वृंदावन के राधा केलिकुंज के महंत प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दरअसल, एक मुस्लिम शख्स संत से मिलने पहुंचा था. इसमें जब शख्स महाराज को बताता है कि वह मुस्लिम हैं तो संत बड़ा ही दिलचस्प जवाब देते हैं, जिसे सुनकर हर कोई हक्का बक्का रह जाता है.



ब्रज की होली में मुस्लिमों की एंट्री बैन का विवाद
मथुरा में धूमधाम से लोग होली खेल रहे हैं. देश-दुनिया में लोग यहां रंग खेलने पहुंच रहे हैं. लेकिन इसी बीच एक फरमान जारी हुआ है, जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि ब्रज की होली में मुस्लिमों की एंट्री नहीं होगी. श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मुकदमा लड़ रहे दिनेश फलाहारी ने तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से पत्र लिख दिया कि मुस्लिमों को दुकान नहीं लगाने दें. वहीं, एक हिंदूवादी संगठन ने भी यही मांग की है. अब इस फरमान के बाद हर तरफ हड़कंप मच गया. श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मुकदमा लड़ रहे दिनेश फलाहारी ने तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से पत्र लिख दिया कि मुस्लिमों को दुकान नहीं लगाने दें. वहीं, मुस्लिमों में इसको लेकर काफी आक्रोश भी देखा जा रहा है.
महाराज प्रेमानंद से मिलने पहुंचा मुस्लिम शख्स
अब इस बीच, विश्व विख्यात संत प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे मुस्लिम शख्स का वीडियो सामने आया है. प्रेमानंद जी महाराज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. देश से लेकर विदेश तक के लोग वृंदावन के फेमस संत से मिलने पहुंचते हैं, जहां दूर-दूर से आए लोग प्रेमानंद महाराज की तारीफ करते नहीं थकते. वहीं, सोशल मीडिया पर आजकल छाए रहते हैं. रील्स स्क्रॉल करने पर खुद-ब-खुद उनका वीडियो सामने आ जाता है. वे अपने सत्संग के माध्यम से लोगों को सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन का ज्ञान देते हैं. वे श्रद्धालुओं और भक्तों को सही मार्ग पर चलने की बात बताते हैं. अक्सर प्रेमानंद महाराज से सत्संग के बाद श्रद्धालु अपनी तमाम तरह की समस्याओं को लेकर सवाल पूछते हैं, जिसका संत बहुत सहज तरीके से उत्तर देते हैं. इसी बीच, एक भक्त ने कहा कि वह मुस्लिम है, तो उसे अपने ही मजहब को बढ़ाना देना चाहिए? इस पर संत पहले तो चुप हो गए, फिर ऐसा जवाब दे दिया कि सब मुस्कुराने लगे.
संत ने दिया ये जवाब
प्रेमानंद महाराज ने कहा, आप ये बताओ की भोजन पाना होता है ना? उसमें हिंदू मुस्लिम होता है क्या? आनंद की प्राप्ति के लिए हमें हिंदू मुस्लिम देखना है क्या? क्या गंदे आचरण करना मुसलमान के मजहब में है क्या? नहीं है ना. अ- ब्रह्म स्वरूप है. जैसे- क, ख, ग…, जो भी सब में ‘अ’ लगा हुआ है, आप जब नाम उच्चारण करते है तो पहला अ होता है, होता है ना वो ब्रह्म स्वरूप है.
आपका मन खिन्न होता है की नहीं?
उन्होंने आगे कहा कि अगर आप अपने ही ग्रंथ को पढ़े, उसके आचरण उतारें. अब हमें तो ज्ञान नहीं है की उसमें क्या-क्या लिखा है. देखो आप गंदे आचरण करते हो तो आपका मन खिन्न होता है की नहीं. मन तो हमें लगता है किसी सीमा में नहीं बंधा है. तन भले सीमा में बंधा हो, तुम अपना ही जपो, जो तुम्हारा नाम है. अपने ईस्ट का नाम जपो और अच्छा आचरण बनाओ. अच्छे आचरण में अच्छे कपड़े तुम पहनो या कोई हिंदू इस कपड़े में कोई भेद है? नहीं ना. ऐसे ही ये शरीर बस कपड़ा है आत्मा का. ये शरीर आत्मा है. तो आत्मा ब्रह्म स्वरूप और शरीर पंच भौतिक ये बीच की मेड़ें है, जितना भी भेद है ये हमारी तुम्हारी बुद्धि में है. नहीं तो, आप और हम दोनों खड़े हो जाएं तो बताओ कहां माथे पर लिखा है की तुम और कोई हो, हम और कोई. वो ही खून, वही त्वचा, वही रक्त और वो ही भगवान के अंश तुम.
इसे सुनते ही सब प्रेमानंद महाराज की वाहवाही करने लगे. सोशल मीडिया पर लोग संत की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. लोगों का कहना है कि बस इसलिए ही सच में बाबा हैं. एक यूजर ने कहा कि मैं मुस्लिम हूं फिर भी प्रेमानंद महाराज की कथा सुनता हूं. एक ने कहा कि वैसे गुरु तो बहुत हैं., लेकिन महाराज जी सबसे अलग हैं.