जींद सिविल अस्पताल से कोविड वैक्सीन चोरी

जींद के सामान्य अस्पताल के पीपी सेंटर स्थित स्टोर से कोरोना वैक्सीन की 1710 डोज चोरी हो गई। इसमें 1270 कोविशील्ड और 440 कोवैक्सीन शामिल हैं। घटना का पता गुरुवार सुबह करीब नौ बजे चला, जब स्वास्थ्य निरीक्षक राममेहर वर्मा कार्यालय पहुंचे। उन्होंने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी और अधिकारियों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।  जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि अस्पताल में फिलहाल 1510 कोवैक्सीन और 110 कोविशील्ड वैक्सीन की डोज उपलब्ध है। दोनों वैक्सीन की 1000-1000 डोज उपलब्ध हो जाएगी। शाम तक 6000 कोविशील्ड की और डोज नागरिक अस्पताल पहुंच जाएगी। सीएमओ मंजीत ने सोशल मीडिया पर अस्पताल में वैक्सीन नहीं होने की खबर का खंडन कर दिया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में वैक्सीन पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है।

नौ बजे जब स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी कार्यालय पहुंचे तो पीपी सेंटर का ताला टूटा हुआ मिला। इसके बाद स्टोर का भी ताला टूटा मिला। यहां रखे डीप-फ्रीज से कोरोना वैक्सीन गायब मिली। जिस प्रकार से कोरोना संक्रमण फैल रहा है, ऐसे में कोरोना वैक्सीन की चोरी को कालाबाजारी से जोड़ कर देखा जा रहा है। इसके अलावा अलमारी से दो फाइल भी चोरी हुई हैं। हालांकि वहीं पर 50 हजार रुपये रखे थे, वे सुरक्षित हैं।

घटना की सूचना मिलते ही टीकाकरण के प्रभारी व डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. रमेश पांचाल मौके पर पहुंचे और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद डीआईजी ओपी नरवाल मौके पर पहुंचे। इनके साथ फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट टीम भी पहुंची और कार्यालय के कुंडों से निशान जुटाए। अब इसके आधार पर आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि अस्पताल में जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की जा रही है।
ग्रिल कूद कर आए दो लोग

अस्पताल सूत्रों के अनुसार अब तक हुई सीसीटीवी कैमरों की जांच में दो लोग अस्पताल के नए भवन के पास से ग्रिल कूद कर अस्पताल में आते दिख रहे हैं। इनके पास बैग भी है। हालांकि यह लोग पीपी सेंटर तक पहुंचे या नहीं इसका पता नहीं लग पाया है।

सुरक्षा पर सवाल
दरअसल अस्पताल में कोविड वार्ड भी बनाया गया है। ऐसे में यहां रात-दिन स्टाफ रहता है। इसके अलावा अस्पताल में सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहते हैं, लेकिन पीपी सेंटर के बारह किसी भी सुरक्षाकर्मी को तैनात नहीं किया गया है। ऐसे में अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं।

 

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