



रायपुर। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए आरक्षित सीटों पर एक मार्च से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इधर, आरटीई की एक भी सीट खाली न रह पाए, इसको लेकर शिक्षा विभाग ने दो माह पहले ही तैयारी शुरू कर दी है।



शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों से आरक्षित सीटों की जानकारी अपडेट करने को कहा है। निजी स्कूलों ने सीटों की जानकारी अपडेट करना शुरू कर दिया है। जारी निर्देश के अनुसार, 31 जनवरी तक शिक्षा अधिकारी स्कूलों के प्रोफाइल का सत्यापन करेंगे।
एक से 29 फरवरी के बीच स्कूलों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों का निर्धारण किया जाएगा और स्कूलों में शिक्षा का अधिकार के तहत पढ़ रहे बच्चों की संख्या को अपडेट किया जाएगा।
एक मार्च से आवेदन, लॉटरी से होगा चयन
पहले स्कूलों में शिक्षा का अधिकार के तहत पढ़ रहे बच्चों की संख्या को अपडेट किया जाएगा। फिर शिक्षा सत्र 2025-26 में प्रवेश के लिए केजी-वन और कक्षा पहली में प्रवेश के लिए एक से 31 मार्च तक विद्यार्थियों का पंजीयन की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
इसी दौरान 17 मार्च से 25 अप्रैल तक नोडल अधिकारी मिले दस्तावेजों की जांच करेंगे। लॉटरी से सीटों का आवंटन एक और दो मई को किया जाएगा। इसके बाद पांच से 30 मई तक चिह्नित स्कूलों में लॉटरी में चयनित विद्यार्थियों को प्रवेश देने की प्रक्रिया चलेगी। सीटें खाली रहने पर दूसरे चरण की प्रक्रिया होगी।
हजारों सीटें रह गईं थीं खाली
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत इस साल निजी स्कूलों में आठ हजार से अधिक सीटें खाली रह गई हैं। प्रदेशभर में 6749 निजी स्कूलों में 54,367 सीटें हैं। इनमें 46,219 में दाखिला हुआ, जबकि 8,148 सीटें खाली रह गई हैं।
वहीं, एक लाख 22 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे, फिर भी सीटें नहीं भर पाई हैं। यह स्थिति तब बनी है, जब सीटों की संख्या से दोगुना आवेदन आया था। वहीं, रायपुर जिले में लगभग 800 निजी स्कूलों में आरटीई के तहत 6,000 सीटें आरक्षित हैं, जिनमें से लगभग 1,000 सीटें खाली रह गई हैं।
दरअसल, प्रदेश में शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत प्रवेश देने के लिए लॉटरी प्रणाली को लागू किया है। इसके तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आरटीई के तहत भरी जानी अनिवार्य हैं।
बेटियों के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित
आरटीई के तहत और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बेटियों के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी। सीटें नहीं भरने पर बालकों को मौका दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत एक भी सीटें खाली न रह पाए इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली है।
आरक्षित सीटों पर प्रवेश दिलाने विभागीय अधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, ताकि सीटें रिक्त न रहें। शिक्षा विभाग ने अभी से प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है।
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