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दुबई से आए NRI को मुंबई के होटल में मिली 1000 रुपये की एक कप चाय, बोला- भारत आकर लग रहा है मैं गरीब हूं

मुंबई : दुबई में रहने वाले एक भारतीय ट्रैवल व्लॉगर परीक्षित बलोची का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में उन्होंने किसी NRI के भारत वापस आने पर होने वाले अनुभव के बारे में बताया है। उन्होंने खास तरह के कल्चरल शॉक की बात की। परीक्षित ने मजाकिया अंदाज़ में कहा कि भारत में चीजें अब उतनी सस्ती नहीं रहीं, जितनी वह या दूसरे NRI सोचते थे। परीक्षित ने ह सब तब कहा, जब वह भारत आए और मुंबई में उन्होंने एक हजार रुपये वाली चाय पी।

परीक्षित बलोची ने कहा कि जब वह भारत आए तो यह सोचकर आए थे कि जमकर खर्च करेंगे। उन्हें लगा कि उनके पास बहुत रुपये हैं और भारत में सामान सस्ता है, लेकिन यहां तो जब उन्होंने एक कप चाय 1000 रुपये की पी तो हैरान हो गए।

इंस्टाग्राम पर शेयर किया वीडियो

परीक्षित ने कहा कि उन्हें समझ में आया कि एनआरआई होने का जो प्रिविलेज या खास फायदा वह सोचते थे, उतना है नहीं। दुबई में रेडियो प्रेजेंटर और कंटेंट क्रिएटर परीक्षित बलोची ने मुंबई में हुए अपने अनुभव का वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया।

दिरहम में कमाता हूं, फिर भी…

इस वीडियो में उन्होंने बताया कि उनका जो खर्च हुआ, उसका उन्होंने भारत में रहने में आने वाला खर्च जोड़ा तो हैरान हो गए। परीक्षित ने कहा कि मैं एक NRI हूं। दुबई में मैं दिरहम में कमाता हूं, रुपये में खर्च करने में मुझे तकलीफ नहीं होनी चाहिए। मुझे भारत में गरीबी महसूस नहीं होना चाहिए थी लेकिन इस बार तो उन्हें ऐसा ही लगा।

‘सोचा था भारत में राजा की तरह रहूंगा’

परीक्षित ने एक हजार रुपये में एक कप चाय मिलने को लेकर मजाक में कहा कि जब वह भारत छोड़कर गए थे, तब 1000 रुपये तो वह शेयर बाजार में लगाते थे। उन्होंने सवाल किया, यह क्या हो रहा है? परीक्षित ने कहा कि NRI लोगों का भारत के साथ समझौता होता है कि वे विदेश से पैसे कमाकर लाएंगे, उसे रुपये में कंवर्ट करेंगे और भारत में राजा की तरह रहेंगे। उन्होंने कहा कि दिरहम को रुपये में बदलने पर उन्हें अमीर महसूस होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

परीक्षित ने कहा कि ‘दिरहम और डॉलर में कमाक मैंने सोचा था ऐश करूंगा, जमकर उड़ाऊंगा। भारत आकर भी लो और हाई प्राइस सोचना पड़ेगा, यह सोचकर भारत छोड़कर नहीं गया था मैं। मुंबई के एक होटल में मैंने हजार रुपये की एक कप चाय पी… हजार रुपये की…’

‘भारतीय लोगों के पास कितने रुपये हैं?’

परीक्षित ने कहा कि उन्हें शायद भारत में रहने के लिए ‘फ्लेक्सी-पेमेंट’ प्लान की जरूरत पड़ेगी। परीक्षित ने कहा कि उन्हें यह देखकर हैरानी है कि भारत में लोग रोज इतने रुपये कैसे खर्च करते हैं? उन्होंने पूछा, ‘यहां के लोगों से पूछ रहा हूं, भाई तुम्हारे पास कितने पैसे हैं?’

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