ताज़ा खबर
Home / महाराष्ट्र / ’40 करोड़ दे दो वरना बेटे को मार दूंगा’, फेमस बिल्डर से फिरौती मांग रहे थे 10 बदमाश, पुलिस ने चंद घंटों में दबोचा

’40 करोड़ दे दो वरना बेटे को मार दूंगा’, फेमस बिल्डर से फिरौती मांग रहे थे 10 बदमाश, पुलिस ने चंद घंटों में दबोचा

महाराष्ट्र के अंबरनाथ के एक प्रसिद्ध भवन निर्माता संजय रंभाजी शेलके के 20 वर्षीय बेटे का अपहरण कर 40 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने वाले 10 आरोपियों को पुलिस ने 12 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया और युवक को सकुशल छुड़ा लिया। पकड़े गए सभी आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि का खुलासा हुआ है। इनमें से कुछ आरोपी पहले से ही धोखाधड़ी के मामलों में वांटेड थे। हैरानी की बात यह है कि मुख्य आरोपी उसी भवन निर्माता की बिल्डिंग में रहता था, जिसके बेटे का अपहरण किया गया था।

जानें क्या है पूरा मामला

मंगलवार को अंबरनाथ के बिल्डर संजय शेलके के बेटे की स्विफ्ट कार को एक अर्टिगा कार द्वारा रोककर उसे जबरन दूसरी कार में बिठा लिया गया। अपहरणकर्ताओं ने तुरंत संजय शेलके से 40 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी और धमकी दी कि यदि रकम नहीं दी गई तो उनके बेटे की जान ले ली जाएगी। संजय शेलके ने तुरंत अंबरनाथ पुलिस को घटना की सूचना दी। मामले की गंभीरता को समझते हुए, पुलिस ने 15 अधिकारियों और 80 पुलिसकर्मियों की 8 टीमें बनाई। आरोपी का पता लगाने के लिए पुलिस ने 45 सीसीटीवी फुटेज खंगालने और तकनीकी निगरानी शुरू कर दी। लेकिन, आरोपी बार-बार अपने लोकेशन बदलते रहे, जिससे पुलिस को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

फिरौती का मोल-भाव

अपहरणकर्ताओं ने पहले 40 करोड़ रुपये की मांग की, लेकिन बाद में उन्होंने 7 करोड़ रुपये पर सहमति जताई, अंततः वे 2 करोड़ रुपये में सौदा करने को तैयार हुए और ओला कार से रकम भेजने की मांग की। पुलिस ने फिल्मी अंदाज में सादी वर्दी में बाइक से ओला कार का पीछा किया, लेकिन अपहरणकर्ताओं को पुलिस की मौजूदगी का शक हो गया। इसके बाद उन्होंने पिसे डैम, भिवंडी के पास अपहृत युवक को छोड़कर फरार होने का प्रयास किया।

पुलिस की सूझबूझ से बच गया युवक

पुलिस ने समय रहते अपहृत युवक को सुरक्षित छुड़ा लिया और मोबाइल लोकेशन की मदद से एक आरोपी को पकड़ लिया। उसकी निशानदेही पर अन्य 9 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इस कार्रवाई में पिस्तौल, अन्य हथियार और वाहनों को भी जब्त किया।

गिरफ्तार आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि

डीसीपी सुधाकर पठारे ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में देवीदास वाघमारे और दत्तात्रय पवार पहले मुंबई मनपा विभाग में कार्यरत थे, लेकिन फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों से 2 करोड़ 75 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में उन्हें निलंबित कर दिया गया था। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पहले से ही आग्रीपाड़ा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज हैं। सभी 10 आरोपियों को पुलिस ने अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 3 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेजा गया।

About jagatadmin

Check Also

कौन है अरुण गवली? जिसने दाऊद इब्राहिम से पंगा लेकर मुंबई अंडरवर्ल्ड में बनाई जगह, 17 साल बाद वापसी पर बरसे फूल

मुंबई: मुंबई अंडरवर्ल्ड में एक वक्त पर अपना रखूख खड़ा करने वाले डॉन अरुण गवली की मुंबई …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *