



एक इनामी खालिस्तानी आतंकी की गिरफ्तारी के बाद देश की कई सुरक्षा एजेंसिया पूछताछ करने मोतिहारी पहुंची, रॉ व आइबी के अधिकारियों ने भी काश्मीर सिंह से घंटों पूछताछ की. इस दौरान उसने नाभा जेल ब्रेक कांड से लेकर बब्बर खालसा व खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह संधु के साथ मिलकर न सिर्फ आतंकी गतिविधियों में अपनी संलिप्तता स्वीकारी, बल्कि नाभा जेल ब्रेक कांड, पंजाब के खुफिया मुख्यालय पर हमला सहित अन्य घटनाओं का भी खुलासा किया. उसने यह भी बताया कि उसके आंतकी संगठन को विदेश से फंड मिलता है. वह नेपाल में रहकर पहचान छुपाने के लिए कपड़ा बेचने का काम करता था. कपड़ा बेचने के बहाने वह घुम-घुम कर एक खास समूदाय के लोगों को खालिस्तानी आतंकी संगठन से जोड़ भी रहा था. एक अधिकारी की माने तो काश्मीर सिंह बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) व रिंदा के नेपाल स्थित नेटवर्क का अहम हिस्सा है. खालिस्तानी आतंकियों को नेपाल में छुपने की जगह उपलब्ध कराने के साथ-साथ सारी सुखा-सुविधा उन्हें मुहैया कराता था. इसके लिए उसके पास विदेश से पैसा आता था.



रमनजीत सिंह को बताया नाभा जेल ब्रेक कांड का मास्टरमाइंड
27 नवंबर 2016 में नाभा जेल ब्रेक कांड हुई थी. कांड का मास्टरमाइंड रमनजीत सिंह उर्फ रोमी था. उसने अपने एक दर्जन साथियों के साथ मिलकर देश को हिला देने वाली इस घटना को अंजाम दिया था. बताया जाता है कि नाभा जेल ब्रेक कांड की पूरी साजिश कुल आठ गैंगेस्टर को छुड़ाने के लिए रची गयी थी. वारदात के समय दो अपराधी भागने में सफल नहीं हो पाए थे. काश्मीर सिंह के साथ पांच अन्य आतंकी जेल से भागने में सफल रहे थे.
कुख्यात गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह ने कहा था जेल से बाहर निकालने को
पुलिस की मानें, तो कुख्यात गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह व उसके पांच अन्य साथी नाभा जेल में बंद थे. सभी को जेल से बाहर निकालने के लिए उसके गिरोह के अहम सदस्य रोमी ने जेल ब्रेक की साजिश रची थी. गुरप्रीत सिंह ने रोमी को अगस्त के महीने में नाभा जेल से बाहर निकालने को कहा था. इसके बाद रोमी ने पूरी योजना बनाई और उसके साथियों ने 27 नवंबर 2016 को पटियाला के नाभा जेल पर हमला कर दिया. इसमें गुरप्रीत सिंह शेखो, काश्मीर सिंह व खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स का प्रमुख हरमिंदर सिंह मिंटू सहित छह आतंकी जेल से भागे थे.