



बिहार का मौसम बदला तो आसमान से मौत की बिजली गिरी. आंधी-पानी और वज्रपात से 61 लोगों की मौत गुरुवार को हुई. अलग-अलग जिलों में ये हादसे हुए. दोपहर के बाद मौसम का मिजाज बदला तो आंधी-पानी और ठनका का प्रकोप शुरू हुआ. दीवार और पेड़ गिरने की अलग-अलग घटनाओं ने भी लोगों की जिंदगी ली. सबसे अधिक नालंदा जिले में क्षति हुई जहां कुल 22 लोगों की मौत हुई है. पटना में भी 4 लोगों ने जान गंवाया.



नालंदा में 22 लोगों की मौत
नालंदा जिले में 22 लोगों की मौत हुई. इसमें एक ही घटना में आधा दर्जन लोगों की मौत हुई जब मानपुर थाना क्षेत्र के नगवां गांव में मंदिर पर पेड़ गिर गया. कई लोग अभी जख्मी भी हैं. सभी लोग आंधी-पानी से बचने के लिए मंदिर में छिपे थे अचानक पीपल का विशाल पेड़ मंदिर पर गिर गया. इस्लामपुर प्रखंड के जैतीपुर में महिला और उसके दो पोतों की मौत हो गयी. दीवार टूटने पर मलवे में दबकर तीनों की जान गयी.
कोसी-सीमांचल व पूर्वी बिहार में 9 लोगों की मौत
नालंदा के रहुई प्रखंड के देकपुरा गांव में एक मुर्गी फॉर्म की दीवार गिर गयी. जिसके मलवे में दबकर मां-बेटे की मौत हो गयी. कोसी-सीमांचल और पूर्व बिहार में वज्रपात से नौ लोगों की मौत हुई है.
सीएम नीतीश ने मुआवजे का किया ऐलान
आंधी-पानी से प्रदेश में हुई मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मर्माहत हैं और उन्होंने प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी शोक संवेदना जतायी. सीएम ने मृतक के आश्रितों को तत्काल 4-4 लाख रुपए अनुदान देने का निर्देश दिया.
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