



गोपालगंज. भारत अपनी विविधताओं के लिए जाना जाता है. यहां हर त्योहार पर अलग-अलग जगहों पर अनोखी परंपराएं देखने को मिलती हैं. गोवर्धन पूजा के अवसर पर बिहार में भी एक खास परंपरा देखने को मिलती है, जो बहुत ही रोचक है. गोवर्धन पूजा में महिलाएं व कुंवारी लड़कियां पहले गोबर के बने गोवर्धन बाबा को कूटती हैं. इसके बाद अपने सगे भाई को श्राप देते हुए कहती हैं कि ‘भइया हमार मर जास, भौजाई राड़ (विधवा) हो जास’ श्राप देने के बाद से रेंगनी (कांटेदार पौधा) के कांट अपने जीभ पर चुभो कर खुद को सजा देती है फिर अपने भाई को लाखों वर्ष जीने का आशीर्वाद देती है.



यह है पूरी कहानी
गोवर्धन पूजा की कहानी तो भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी है. लेकिन बिहार में इस कहानी के साथ-साथ एक और कहानी प्रचलित है, जिसमें बताया जाता है कि एक परिवार के भाई बहन में काफी प्रेम था. बहन अपने भाई को बहुत मानती थी. एक बार गोवर्धन पूजा में घर लिपाई पुताई करने के लिए बहन चंवर में पियरी मिट्टी लाने गई थी. काफी देर हुई तो भाई वहां पहुंचा और गुस्से में उसको थप्पड़ मार दिया, जो बहन को बहुत बुरा लगा. बहन ने गुस्से में भाई को श्राप दिया कि जाओ तुम मर जाओ. इसके बाद भाई वहां से चला और घर आते ही मर गया. पीछे से जब बहन पहुंची तो यह देखकर वह दहाड़ मार कर रोने लगी, क्योंकि वह भाई से बहुत प्रेम करती थी.
इसके बाद गोवर्धन भगवान प्रकट हुए और कहा कि आज मेरी पूजा होती है और भैया दूज भी मनाया जाता है, जो भाई बहन के प्रेम कस प्रतीक है. इसलिए आज के दिन ऐसी घटना नहीं हो सकती. उनके आशीर्वाद से भाई फिर जीवित हुआ. इसके बाद गोवर्धन भगवान ने कहा कि प्रत्येक साल गोवर्धन पूजा के अवसर पर बहनें गोबर के बने गोधन को कूटेंगी और भाई के लिए आशीर्वाद की कामना करेंगी. तब से यह परंपरा चल रही है.