



नई दिल्ली: भारत की हवाई ताकत आने वाले वर्षों में पूरी दुनिया को चौंका सकती है. यूरोप का सबसे महत्वाकांक्षी रक्षा प्रोजेक्ट SCAF/FCAS (Future Combat Air System) अब भारत के दरवाजे तक पहुंच गया है. फ्रांस, जर्मनी और स्पेन की संयुक्त पहल से तैयार हो रहा यह छठी पीढ़ी का युद्धक विमान भारत की सामरिक स्थिति को पूरी तरह बदल सकता है. अगर भारत इस प्रोजेक्ट में ‘सहभागी देश’ के तौर पर शामिल होता है, तो पाकिस्तान समेत पूरे क्षेत्र के लिए यह एक बड़ी रणनीतिक चुनौती बन जाएगी. वहीं इंडियन एयरफोर्स को एक और शानदार हथियार मिल जाएगा.



यह विमान सिर्फ एक फाइटर जेट नहीं होगा, बल्कि एक “सिस्टम ऑफ सिस्टम्स” होगा. इसका मतलब है कि इसमें नया लड़ाकू विमान (New Generation Fighter – NGF) तो होगा ही, साथ में उड़ने वाले मानवरहित ड्रोन (Remote Carriers) भी होंगे. ये सभी आपस में कॉम्बैट क्लाउड (Combat Cloud) के जरिए रियल-टाइम में जुड़ेंगे और सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे. यानी आसमान में भारत का यह योद्धा अकेला नहीं, बल्कि पूरी सेना लेकर उड़ान भरेगा.
Mach 5 की स्पीड और स्टील्थ टेक्नोलॉजी
SCAF/FCAS को छठी पीढ़ी का विमान माना जा रहा है. यह मौजूदा पांचवीं पीढ़ी के विमानों (जैसे F-35) से कहीं आगे होगा. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह विमान हाइपरसोनिक गति – Mach 5 या उससे अधिक तक पहुंच सकता है.
SCAF/FCAS को छठी पीढ़ी का विमान माना जा रहा है. यह मौजूदा पांचवीं पीढ़ी के विमानों (जैसे F-35) से कहीं आगे होगा. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह विमान हाइपरसोनिक गति – Mach 5 या उससे अधिक तक पहुंच सकता है.
- इसमें स्टील्थ तकनीक होगी, जो इसे दुश्मन के रडार से गायब कर देगी.
- एआई और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम इसे भविष्य का युद्धक हथियार बनाएंगे.
- इसमें लेजर हथियार और हाइपरसोनिक मिसाइलें होंगी, जो पलक झपकते ही दुश्मन को ध्वस्त कर देंगी.
भारत के लिए सुनहरा मौका
भारत हमेशा से फ्रांस का भरोसेमंद रक्षा साझेदार रहा है और अब यह संभावना जताई जा रही है कि भारत को इस प्रोजेक्ट में पर्यवेक्षक देश का दर्जा मिल सकता है. अगर ऐसा होता है तो भारत को इस विमान की तकनीक और विकास प्रक्रिया की गहरी जानकारी मिलेगी. इसके साथ ही भारत का अपना AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोजेक्ट और अधिक मजबूत हो जाएगा. यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों को नई उड़ान देगी और भारतीय रक्षा कंपनियों को यूरोप की सप्लाई चेन से जुड़ने का सुनहरा अवसर मिलेगा.
भारत हमेशा से फ्रांस का भरोसेमंद रक्षा साझेदार रहा है और अब यह संभावना जताई जा रही है कि भारत को इस प्रोजेक्ट में पर्यवेक्षक देश का दर्जा मिल सकता है. अगर ऐसा होता है तो भारत को इस विमान की तकनीक और विकास प्रक्रिया की गहरी जानकारी मिलेगी. इसके साथ ही भारत का अपना AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोजेक्ट और अधिक मजबूत हो जाएगा. यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों को नई उड़ान देगी और भारतीय रक्षा कंपनियों को यूरोप की सप्लाई चेन से जुड़ने का सुनहरा अवसर मिलेगा.

Mach 5 स्पीड, लेजर हथियार और AI तकनीक से लैस यह जेट भारत को हवाई शक्ति में अजेय बना देगा. (फोटो wikipedia)
पाकिस्तान की गायब हो जाएगी नींद
अगर भारत को SCAF/FCAS जैसा एडवांस लड़ाकू विमान मिलता है, तो यह पाकिस्तान की वायुसेना के लिए सबसे बड़ा खतरा साबित होगा. वर्तमान में पाकिस्तान चीन और अमेरिका के पुराने विमानों पर निर्भर है. जबकि भारत के पास पहले से ही राफेल और सुखोई जैसे आधुनिक विमान मौजूद हैं. ऐसे में यदि FCAS भारत की वायुसेना का हिस्सा बनता है तो उसकी हवाई श्रेष्ठता पूरी तरह बेजोड़ हो जाएगी. पाकिस्तान के मौजूदा एयर डिफेंस सिस्टम इस जेट की AI और ड्रोन तकनीक का मुकाबला नहीं कर पाएंगे और नतीजा यह होगा कि भारत क्षेत्रीय हवाई प्रभुत्व पर पूरी तरह से पकड़ बना लेगा. वहीं पाकिस्तान की रणनीतिक बढ़त पूरी तरह समाप्त हो जाएगी.
अगर भारत को SCAF/FCAS जैसा एडवांस लड़ाकू विमान मिलता है, तो यह पाकिस्तान की वायुसेना के लिए सबसे बड़ा खतरा साबित होगा. वर्तमान में पाकिस्तान चीन और अमेरिका के पुराने विमानों पर निर्भर है. जबकि भारत के पास पहले से ही राफेल और सुखोई जैसे आधुनिक विमान मौजूद हैं. ऐसे में यदि FCAS भारत की वायुसेना का हिस्सा बनता है तो उसकी हवाई श्रेष्ठता पूरी तरह बेजोड़ हो जाएगी. पाकिस्तान के मौजूदा एयर डिफेंस सिस्टम इस जेट की AI और ड्रोन तकनीक का मुकाबला नहीं कर पाएंगे और नतीजा यह होगा कि भारत क्षेत्रीय हवाई प्रभुत्व पर पूरी तरह से पकड़ बना लेगा. वहीं पाकिस्तान की रणनीतिक बढ़त पूरी तरह समाप्त हो जाएगी.