






सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी
अटॉर्नी जनरल से मंजूरी लेने की जरूरत
न्यायमूर्ति बी आर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ से वकील ने दुबे की टिप्पणियों के बारे में हाल ही में आई एक खबर का हवाला दिया और कहा कि वह अदालत की अनुमति से अवमानना याचिका दायर करना चाहते हैं। न्यायमूर्ति गवई ने कहा, “आप इसे दायर करें। दायर करने के लिए आपको हमारी अनुमति की जरूरत नहीं है।”
दुबे ने CJI पर की थी विवादित टिप्पणी
दुबे ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को कानून बनाना है तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने सीजेआई खन्ना पर भी कटाक्ष किया और उन्हें देश में ‘गृह युद्धों’ के लिए जिम्मेदार ठहराया।
इसके बाद वक्फ अधिनियम मामले में एक वादी का प्रतिनिधित्व करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील अनस तनवीर ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी को पत्र लिखकर दुबे के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति मांगी, क्योंकि उन्होंने शीर्ष न्यायालय की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी की थी।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दी थी सफाई
उधर, भाजपा ने शनिवार को दुबे की सर्वोच्च न्यायालय की आलोचना से खुद को अलग कर लिया, पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने टिप्पणियों को उनका निजी विचार बताया। नड्डा ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं को ऐसी टिप्पणियां न करने का निर्देश दिया है।