दिल्ली के ये इलाका बना अवैध रूप से रहने वाले विदेशी लोगों की पहली पसंद, 90 दिन में 41 डिपोर्ट

नई दिल्ली: टूरिस्ट, मेडिकल और एजुकेशन वीजा पर कई देशों के नागरिक भारत तो आ जाते हैं, लेकिन वीजा समाप्त होने पर वापस नहीं जाते। यहीं अलग-अलग इलाकों में रहकर कई अवैध धंधों में शामिल हो जाते हैं। उनमें से अधिकतर ड्रग तस्करी में शामिल हो जाते हैं। ऐसे विदेशी लोगों के लिए द्वारका जिले का मोहन गार्डन इलाका ज्यादा पंसदीदा जगह है। उसके बाद बाहरी दिल्ली का चंद्र विहार, उत्तम नगर, बिंदापुर और महावीर नगर के आसपास के इलाके भी शामिल हैं। ऐसे ही आरोपियों के खिलाफ द्वारका जिला पुलिस ऑपरेशन चलाकर उन्हें पकड़कर ज्यादा से ज्यादा डिपोर्ट करने में जुटी हुई है।

90 दिनों में 41 को किया डिपोर्ट

द्वारका के डीसीपी अंकित सिंह के अनुसार जिला पुलिस ने इस साल जनवरी से लेकर 31 मार्च के 90 दिनों में अब तक 41 विदेशी नागरिकों को डिपोर्ट करने के लिए सेंटर पर भेज चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा नाइजीरिया के 29, बांग्लादेश के 7, आइवरी कोस्ट के 2, उज़्बेकिस्तान, घाना और गुयना के एक-एक नागरिक शामिल हैं। इन 41 में से 3 महिलाएं और 2 बच्चे भी शामिल थे। सिर्फ मार्च महीने में 15 विदेशियों की पहचान कर उन्हें डिपोर्ट सेंटर भेजा गया। इस अभियान के तहत पिछले साल 2024 में जिला पुलिस ने 132 अवैध विदेशी नागरिकों को डिपोर्ट किया था। इनमें सबसे ज्यादा नाइजीरिया के 116 नागरिक शामिल थे।

मोहन गार्डन को करते हैं ज्यादा पसंद

जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों का मानना है कि मोहन गार्डन एरिया इनके लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा इसलिए बन गया, क्योंकि यहां दिल्ली और एनसीआर से पहुंचने के लिए कनेक्टिविटी ज्यादा आसान है। सरकारी ट्रांसपोर्ट बस हो या फिर मेट्रो रूट सब आसानी से उपलब्ध है। दूसरा यहां आसानी से कमरा किराए पर मिल जाता है, मुंह मांगे दाम पर। अधिकतर लोकल लोग वो होते हैं, जो कई मंजिल का मकान बनाकर रेंट पर ही देते हैं। जिससे उन्हें मोटी कमाई होती है। ज्यादातर किरायेदार ही होते हैं, कुछ गलियों में। यही हाल चंद्र विहार इलाके की भी है।

सबसे ज्यादा नाइजीरिया के नागरिक

विदेश से दिल्ली आकर दूसरे धंधे में शामिल होने वाले विदेशी नागरिकों में सबसे ज्यादा संख्या नाइजीरिया के रहने वाले विदेशी नागरिकों की है। उसके बाद नंबर आता है, उज़्बेकिस्तान, घाना, युगांडा, सेनेगल, गुयना इत्यादि देशों का। ज्यादा रुपये कमाने के लालच में कोकीन, हेरोइन जैसे ड्रग तस्करी में शामिल हो जाते हैं। जब से केंद्र सरकार ने अवैध रूप से रह रहे बंग्लादेशियों की पहचान की शुरुआत करवाई है, तब से ये भी पुलिस के द्वारा पकड़े जा रहे हैं।

नारकोटिक्स सेल ले रही है एक्शन

पुलिस ने इनके लिए ऑपरेशन सेल के एंटी नारकोटिक्स सेल की टीम को लगाया हुआ है। एसीपी ऑपरेशन राम अवतार की देखरेख में इंस्पेक्टर सुभाष चंद की टीम सबसे ज्यादा ऐसे विदेशी नागरिकों की पहचान करके डिपोर्ट करने के लिए वापस भेज चुकी है। जो लोग ड्रग तस्करी में पकड़े जा रहे हैं, उनकी गिरफ्तारी होने के बाद कानूनी कार्रवाई भी हो रही है। 15 विदेशी नागरिक मार्च में डिपोर्ट किए गए हैं उनमें सबसे ज्यादा 11 को एंटी नारकोटिक्स सेल की टीम ने ही डिपोर्ट किया है।

डिपोर्ट किए गए विदेशी नागरिक

  • 2024 में कुल डिपोर्ट: 132
  • 2025 में अब तक हुए: 41

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