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‘मैं गीता भेजूंगा… पत्नी रो पड़ी थीं…’, केजरीवाल-सिसोदिया की हार पर खूब बरसे कुमार विश्वास

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) में आम आदमी पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे दिग्गज भी चुनाव हार गए हैं। दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिवी करारी शिकस्त पर केजरीवाल के पुराने साथी रहे कुमार विश्वास की भी प्रतिक्रिया आई है। एक समय में केजरीवाल के करीबी रहे और आज उनके धुर विरोधी मशहूर कवि कुमार विश्वास ने इस हार पर महाभारत के दुर्योधन का जिक्र करते हुए तीखा कटाक्ष किया है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी की करारी हार पर कुमार विश्वास ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि भारतीय जनता पार्टी दिल्ली के लोगों के लिए काम करेगी। अरविंद केजरीवाल की हार को लेकर उन्होंने यहां तक कह दिया कि आज न्याय हुआ है। वहीं, मनीष सिसोदिया की हार पर उनकी प्रतिक्रिया अलग थी। कुमार विश्वास ने बताया कि मनीष सिसोदिया की हार की खबर सुनकर उनकी पत्नी रोने लगीं।

कुमार विश्वास ने कहा, ‘करोड़ों लोगों नौकरियां छोड़कर आए थे, दुश्मनियां ली थीं। उन सब की हत्या एक आत्ममुग्ध आदमी ने, चरित्रहीन आदमी ने अपनी निजी महत्वकांक्षाओं की पूर्ती के लिए की। उसको ईश्वरीय विधान से दंड मिला है।

कुमार विश्वास ने कहा “मैं भाजपा को जीत के लिए बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे दिल्ली के लोगों के लिए काम करेंगे। मुझे ऐसे व्यक्ति से कोई सहानुभूति नहीं है जिसने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के सपनों को कुचल दिया। दिल्ली अब उससे मुक्त हो चुकी है। उसने उन सपनों का इस्तेमाल अपनी निजी महत्वाकांक्षाओं के लिए किया। आज न्याय हुआ है। जब हमें जंगपुरा से मनीष सिसोदिया के हारने की खबर मिली तो मेरी पत्नी जो गैर-राजनीतिक हैं, रो पड़ीं।

आतिशी ने रमेश बिधूड़ी को हराया

हालांकि, आम आदमी पार्टी के लिए राहत की बात ये है कि कालकाजी सीट से दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी चुनाव जीत गई हैं। आतिशी ने बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी को हराया। बात करें ओखला सीट की तो वहां ‘आप’ प्रत्याशी अमानतुल्लाह खान आगे चल रहे हैं।

भाजपा के वोट शेयर में 9% से ज्यादा का इजाफा

भाजपा ने पिछले चुनाव (2020) के मुकाबले वोट शेयर में 9% से ज्यादा का इजाफा हुआ। वहीं, AAP को 10% से ज्यादा का नुकसान हुआ है। कांग्रेस को भले ही एक सीट मिलती नहीं दिख रही, लेकिन वोट शेयर 2% बढ़ाने में कामयाब रही।

भाजपा की 39 सीट बढ़ीं, आप की 39 सीट घटीं

भाजपा की पिछले चुनाव (2020) के मुकाबले 47 सीटें बढ़ीं। वहीं, AAP को 23 सीटों का नुकसान हुआ है। कांग्रेस इस बार भी खाली हाथ रहीं। एक भी सीट नहीं जीत सकी।

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