



“परहित सरिस धर्म नहीं भाई” -की भावना से शकुंतला विद्यालय के कक्षा 1 से 12वीं के विद्यार्थियों ने 19 जुलाई 2025 को परोपकार को दिव्य जीवन का अंग मानते हुए अपनी स्वेच्छा से “बाकलीवाल सरकारी स्कूल” दुर्ग संस्थान में आंगनबाड़ी के 150 बच्चों को दैनिक जीवन की उपयोगी वस्तुएँ- कपड़े, चॉकलेट, जूते, टिफिन, बैग, बोतल, खिलौने, शिक्षण-सामग्री आदि का सहयोग किया और सहज मानवता का सुंदर स्वरूप प्रस्तुत किया।
छात्रों की उदारता और अभिभावकों के सहयोग की सराहना करते हुए शकुंतला ग्रुप आफ स्कूल्स के डायरेक्टर संजय ओझा ने कहा- कि जैसे छोटे-छोटे कदमों से पथिक मंजिल तक पहुंचता है, वैसे ही छोटी – छोटी व्यवहारिकता से मानवीय संवेदना की बड़ी संपदा छात्र धारण करता है और आदर्श समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । शाला का उद्देश्य मात्र पुस्तकीय-ज्ञान के साथ-साथ नैतिकता का निर्माण करना भी है ।
इस अवसर पर शाला के प्राचार्य विपिन कुमार (शकुंतला विद्यालय), मैनेजर ममता ओझा (शारदा विद्यालय, रिसाली) एवं आरती मेहरा प्राचार्या (शकुंतला विद्यालय क्र-2), मेनेजर अभय दुबे, उपप्राचार्य जी रंजना कुमार, अनीता नायर, हेडमिस्ट्रेस सुनीता सक्सेना, सीनियर मिस्ट्रेस बलजीत कौर, आरती जय कुमार प्राचार्य (कला केंद्र), एक्टिविटीज़ इंचार्ज सुभांगिनी चौबे, राजेश वर्मा, प्रतीक ओझा तथा शिक्षकों ने विद्यार्थी के इस उदार भावनाओ की सरहना की |



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