



भिलाई,16जून25,छ.ग:- साइंस के साधनों को धन्यवाद,विज्ञान के साधन बहुत अच्छे है। समझ,महसूसता द्वारा साइंस के साधनों का उपयोग करते हुए साधना तपस्या करनी है। तब साइंस के ऊपर साइलेंस(मौन) की शक्ति की विजय होगी।
यह बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से आए वरिष्ठ राजयोगी ब्रह्माकुमार राजू भाई ने दो दिवसीय योग तपस्या कार्यक्रम अंतिम समय कि तैयारी विषय पर कही।



इस संसार में निर्भय निश्चिंत वह रह सकता है,जो सृष्टि पर हरेक के पार्ट को साक्षी होकर देखता है।
अधिक सोचने से हमारी शक्तियां नष्ट होती है।क्या हुआ,क्यों हुआ कब हुआ इन क्यू की माला को छोड़ जो आवश्यक है उतना ही सोचे।
मन बुद्धि शांत स्वच्छ और स्थिर हो जीवन में दुविधा द्वंद न हो, तब परमात्म शक्तियों की अनुभूति होगी।
आपने संस्कार,आहार एवं डिजिटल साधन के टॉक्सिन (जहरीले पदार्थ) एवं डिटॉक्स (हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया) के बारे में बताया कि शुद्ध संस्कारो के लिए शुद्ध आहार आवश्यक है।
आज भोजन में चटपटा तला भोजन पसंद किया जाता है,जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है, ऐसे ही दूसरों की परचिंतन की बाते न सुननी है न सुननी है।
आत्म उन्नति सुखी जीवन के लिए स्वचिंतन आवश्यक है,जिसके लिए आपने सभी को 15 दिन का होमवर्क भी दिया की सभी परचिंतन,परदर्शन (कौन क्या कर रहा है) से मुक्त रहेंगे।
दो दिवसीय योग कार्यक्रम “अंतिम समय कि तैयारी” में ब्रह्मवत्सो ने संगठित रूप से राजयोग मेडिटेशन द्वारा प्रकृति के पांचों तत्वों सहित विश्व में शांति के प्रकंपन प्रवाहित किए।