



दुर्ग. पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें सात पुरुष सहित दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है. ये सभी यूएसए और कनाड़ा के लोगों को जाल में फंसाकर उनसे हजारों डॉलर की ठगी को अंजाम देते थे. एसएसपी विजय अग्रवाल ने पूरे मामले का खुलासा किया.
मोबाइल, लैपटाप से वायरस हटाने के नाम पर लोगों को जाल में फंसाया
आरोपियो का मुख्य सरगना अर्जुन शर्मा एक होटल में रुका हुआ था, जिसे आरोपियो की निशानदेही पर गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. इस कार्रवाई के दौरान दुर्ग पुलिस को पता चला कि फर्जी इंटरनेशनल मोबाइल नंबर के माध्यम से यूएसए और कनाड़ा के नागरिकों के मोबाइल और कंप्यूटर में वायरस बग भेजकर वायरस को हटाने के लिए टेलीग्राम ग्रुप का उपयोग किया जाता था, जिसमें लोगों को वायरस हटाने के लिए उन्हें जाल में फसाया जाता और 80 से लेकर 200$ तक ऐंठ लिए जाते थे. ठगों द्वारा यह सभी डॉलर ई वॉलेट में लिए जाते थे. ई वॉलेट में डॉलर आने के बाद उसे क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से अर्जुन शर्मा के अकाउंट मे भेजा जाता था. इसके एवज में अर्जुन शर्मा कस्टमर केयर में काम करने वाले सभी लोगों को 25 से 30 हजार रुपए सैलरी दिया करता था.



गिरोह के सरगना तक पहुंचने पतासाजी में जुटी पुलिस
ये ठग गिरोह अब तक यूएसए और कनाड़ा के सैकड़ों लोगों को इसी तरह अपने जाल में फंसाकर उनसे करोड़ों रुपए ऐंठ चुका है. सभी आरोपी मेघालय शिलांग बिहार के रहने वाले हैं. वही आरोपियों के पास से 12 कंपनियों के लैपटॉप, 14 विभिन्न कंपनियों के मोबाइल इंटरनेट वाई-फाई राउटर दर्जनों बैंकों के अकाउंट डिटेल पासबुक और एटीएम, क्रेडिट कार्ड भी बरामद किए गए हैं. फिलहाल इस पूरे मामले पर दुर्ग पुलिस ने 3 लाख 38 हजार नगद सहित लाखों रुपए के सामान बरामद किए हैं. अब इस पूरे मामले पर दुर्ग पुलिस गिरोह के सरगना तक पहुंचने पतासाजी कर रही है.