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भिलाई नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर, निगम आयुक्त व सहायक ग्रेड-3 बाबू का कई विभागों में काबिज अवैध वसूली की शिकायत – दया सिंह

भिलाई। नगर निगम के उपनेता प्रतिपक्ष दया सिंह ने आज पुन: नगरीय निकाय मंत्री से मुलाकात कर अपने वार्ड सहित खुर्सीपार व छावनी की समस्याओं से श्री साव को अवगत कराया एवं सुशासन के तिहार में इसके समाधान की मांग की है। अरुण साव ,उप मुख्यमंत्री(नगर निकाय मंत्री) छत्तीसगढ़ शासन से नगर निगम भिलाई क्षेत्र के जनहित मुद्दों पर ध्यान आकर्षण कराने लिखित निवेदन करते हुए दया सिंह ने बताया की औद्योगिक क्षेत्र छावनी और खुर्सीपार में कैमिकल युक्त पानी आ रहा है। भू-जल में उद्योगपतियों ने इतना कैमिकल मिला दिया है कि बोरिंग और ट्यूबवेल से कैमिकल युक्त पानी आ रहा है। पर्यावरण विभाग और निगम प्रशासन जांच के नाम पर सालों से खानापूर्ति कर रही है। उद्योगपति पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रहे है, जिसका खामियाजा भयावह: हो सकता है। शासन सख्ती से जांच कर कार्रवाई करें।
नगर निगम भिलाई में भ्रष्टाचार चरम पर है। ठेकेदार प्रोजेक्ट बना रहे और अफसर अपने चहेतों को ठेका दे रहे है। पिछले सरकार में गौठान में केचुआ खाद बनाने लाखों रुपए खर्च किए। पर एक किलो खाद नहीं बना और अब नेहरू नगर के ग्रीन लैंड की जमीन पर केचुआ खाद बनाने 1 करोड़ फिर से खर्च कर रहे हैं। नेहरू नगर का गार्डन जिसे 2 करोड़ में बनाया गया, अफसरों ने उसे पूरा उजाड़ दिया। जबकि यह ग्रीन लैंड की जमीन है। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह जी ने योग, राशि मुद्रा और ओपन जिम गार्डन का लोकार्पण किया था।
निगम प्रशासन आम जनता से हजारों रुपए पेनाल्टी लगा रही है। पानी और संपत्तिकर वसूल रही है। जबकि शहर की बड़ी-बड़ी संस्थानों ने सालों से ना जलकर दिया है और ही सं?पत्तिकर। 400 से ज्यादा उद्योगपति, 100 से मैरिज हॉल, होटल और व्यवसायिक काम्प्लेक्स के संचालक टैक्स चोरी कर निगम को चुना लगा रहे। इन सब की जांच कर कार्रवाई की जाए।
नगर निगम भिलाई का सालाना बजट करीब 750 करोड़ रुपए है। बावजूद जनता मूलभूत सुविधाएं सड़क, नाली, बिजली पानी आदि के लिए तरस रही है। लगभग 243 करोड़ रुपए का अमृत मिशन योजना में पानी की तरह पैसा बनाने के बाद भी आज शहर के 30 से ज्यादा वार्ड में जल संकट है। आधी आबादी को पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।
– खुर्सीपार छावनी क्षेत्र की जनता अभी भी उपेक्षा का शिकार हो रही है। यहां विकास के नाम पर कुछ नहीं है। ना ही ठीक से सफाई की जाती है और ना ही सड़क, पानी बिजली की सुविधा है। पिछले दिनों आंधी आने के बाद से अबतक बिजली सप्लाई बहाल नहीं हुई है। 48 घंटे से बार-बार? लाइट गुल हो रहा है। लोग अंधरे में जीवन यापन कर रहे हैं। – भिलाई निगम में परियोजना शाखा के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। टेंडर के नाम पर यहां अफसर मनमानी कर रहे हैं। हार्स राइडिंग, स्वीमिंग पुल, वर्टिकल गार्डन, सफाई वाहन सभी तरह के टैंडर में ?गड़बड़ी की जा रही है। फर्जी एफडीआर लगाकर ठेकेदारों को कई वर्क आर्डर दे दिया जा रहा है। खुलासे के बाद किसी अफसर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
अत: महोदय , आप से निवेदन है कि इन सभी समस्याओं को तत्काल संज्ञान में ले और जांच कराकर कार्रवाई करें। ताकि हमारे भाजपा सरकार की छवि को खराब करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों अंकुश लगाया जा सकें और जनता के पैसे का सदउपयोग हो और लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिल सके।

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