



भिलाई: इस्पात संंयंत्र के सेवानिवृत्त कर्मी और ईएफबीएस के ऐसे लाभार्थी जिनके रिटेंशन स्कीम के तहत आवंटित आवास की अवधि समाप्त हो रही है, अब वे लाइसेंस स्कीम के तहत आवास ले सकते हैं। इसके तहत एनक्यू-1 एवं एनक्यू-2 (प्लिंथ एरिया 400 फीट तक) श्रेणी के आवास अलॉट किए जाएंगे। संयंत्र प्रबंधन ने शनिवार को इस आशय का सर्कुलर जारी कर दिया है। इससे आवास को लेकर चिंतित सेवानिवृत्त कर्मियों को बड़ी राहत मिलेगी।
लाइसेंस स्कीम में उन्हें 200 वर्ग फीट प्लिंथ एरिया तक के आवास के लिए ढाई लाख रुपए प्रति आवास और 200 वर्ग फीट से ज्यादा एवं 400 वर्ग फीट तक प्लिंथ एरिया वाले आवास के लिए 5 लाख रुपए सुरक्षा निधि जमा करना होगा। युग्म आवासों के प्रकरण में सुरक्षा निधि के रूप में दोगुना राशि देय होगी। जबकि रिटेंशन स्कीम के तहत लगभग 8 लाख रुपए सुरक्षा निधि जमा किए हैं।
स्वयं का मकान नहीं होने से रिटायरमेंट के बाद संयंत्र कर्मचारियों को आवास की समस्या होती थी। रिटेंशन स्कीम के तहत उन्हें रिटायरमेंट के बाद जीवनभर की कमाई पूंजी से 8 लाख रुपए जमा रखने पर ही प्रबंधन आवास में रहने की सहुलियत देता था। अब नई स्कीम से काफी राहत मिलेगी।
एनक्यू-1 एवं 2 के आवास होंगे अलॉट
एनक्यू-1 (ओओएफ टाइप को छोड़कर) एवं एनक्यू 2 ओए 1, ओ 43, एएजेड, एए 1, एनए 1, एए 4, एए 3, ए 2, – 2 ई, 2 ए , 2 डी और एनए 2 श्रेणी के आवास जो कि भिलाई इस्पात संयंत्र के अभिलेखों में सेवानिवृत्त हो रहे कार्मिक या ईएफबीएस लाभार्थी के नाम पर आवंटित हैं और उनकी अवधि समाप्त हो रही है, उन्हें आवास लायसेंस योजना के तहत 11 माह की अवधि के लिए देने आवेदन मंगाया है।
सेक्टर-4 के सड़क -11 से 18 तक एवं ईएमआर में स्थित एनक्यू 1 / एनक्यू 2 श्रेणी के आवासों को योजना से बाहर रखा गया है अर्थात इन्हें आवंटित नहीं किया जाएगा।
निर्धारित प्रारूप में पूर्ण रूप से भरा हुआ आवेदन पत्र जमानतदार के विवरण एवं हस्ताक्षर के साथ जमानतदार केवल ऐसे बीएसपी कर्मी होगें जिनकी कंपनी में बची हुई सेवा इस आवेदन की तिथि पर कम से कम पांच वर्ष हो एवं वे लायसेंस पद्धति के तहत किसी अन्य के जमानतदार न हों। 11 माह का अग्रिम किराया जमा करना होगा।
लायसेंस योजना में आवास आवंटन के पश्चात आवंटी को 2 प्रति वर्ग फुट प्रतिमाह दर से भवन के प्लिंथ एरिया का किराया, जल प्रदाय शुल्क 150 रुपए- सफाई शुल्क 50 रुपए एवं विद्युत प्रदाय शुल्क नियमानुसार अथवा बिलों के अनुसार प्रतिमाह भुगतान करना होगा।